अभी और कृषि सुधार बाकी, उम्मीद है कि आंदोलनरत किसान संगठन फिर वार्ता करेंगे: नरेन्द्र तोमर
By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 24, 2020
नयी दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री
नरेन्द्र सिंह तोमर ने बुधवार को कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार जारी रखेगी, क्योंकि अभी भी कई क्षेत्रों में सुधार किया जाना बाकी है। उन्होंने यह उम्मीद भी जताई कि तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी शंकाओं के समाधान के लिए आंदोलनरत किसान जल्द ही
केंद्र सरकार के साथ फिर बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी आंदोलन का समाधान सिर्फ वार्ता के जरिए ही निकाला जा सकता है और इतिहास इसका साक्षी रहा है। उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे अगली दौर की वार्ता के लिए तिथि और और समय तय करें। ज्ञात हो कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले लगभग चार हफ्ते से किसान संगठन दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। पांच दौर की वार्ता विफल होने के बाद पिछले दिनों केंद्र सरकार ने फिर से किसानों के संगठनों को पत्र भेजकर वार्ता के लिए आमंत्रित किया था।
इसके जवाब में किसान नेताओं ने बुधवार को कहा कि सरकार को प्रदर्शनकारी किसानों के साथ वार्ता के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि जिन प्रस्तावों को उन्होंने खारिज कर दिया है उन्हें नहीं दोहराएं, बल्कि लिखित में ठोस प्रस्ताव के साथ आएं। किसान संगठन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पहले ही बता चुके हैं कि तीन कानूनों में संशोधन उन्हें स्वीकार नहीं हैं। तोमर ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे पूरी उम्मीद है कि हमारे किसान संगठन वार्ता करेंगे...यदि वे एक तिथि और समय सुनिश्चित करते हैं तो सरकार अगले दौर की वार्ता के लिए तैयार है...मुझे उम्मीद है कि हम समाधान के रास्ते पर आगे बढ़ेंगे।’’ प्रदर्शन कर रहे किसानों के संगठनों और सरकार के बीच पांच दौर की वार्ता के बाद शाह से भी एक मुलाकात हो चुकी है। इस बीच कुछ अन्य किसान संगठनों से भी सरकार की वार्ता हुई है। इन संगठनों ने कृषि कानूनों का समर्थन किया है। तोमर ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि किसान संगठन जल्द ही आपस में चर्चा कर सरकार को अपने फैसले से अवगत कराएंगे ताकि सरकार अगले दौर की वार्ता तत्काल शुरू कर सके। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदर्शनकारी किसानों की बात खुले मन से सुनने को तैयार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वार्ता के जरिए किसी समाधान पर पहुंचा जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इतिहास इसकी गवाही देता है। प्रदर्शन चाहे कितना भी लंबा चला हो और मजबूत रहा हो, उसका समापन या समाधान सिर्फ वार्ता के जरिए ही निकला है।’’ उन्होंने कहा कि किसान संगठनों को सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करनी चाहिए और बताना चाहिए कि उसमें क्या जोड़ा या हटाया जाना चाहिए। इससे इतर, ग्रामीण स्वंयसेवी संस्थाओं के परिसंघ (सीएनआरआई) के एक प्रतिनिधमंडल को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि भारत के लिए कृषि का क्षेत्र बहुत महत्वपूर्ण है और सरकार इसे सशक्त बनाने को लेकर प्रतिबद्ध है और रहेगी। सीएनआरआई प्रतिनिधमंडल ने कृषि कानूनों का समर्थन किया। तोमर ने कहा, ‘‘पिछले छह सालों में सरकार ने बहुत हद तक सुधार के प्रयास किए हैं। अभी भी कई क्षेत्र बचे हैं जहां सुधार बाकी है।’’ उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कृषि क्षेत्र में सुधारों की सिफारिश विशेषज्ञों, संगठनों और मुख्यमंत्रियों की ओर से की गई थी लेकिन पूर्ववर्ती सरकारें उन सुझावों को कानून में तब्दील नहीं कर सकीं, जबकिमोदी सरकार ने इस सुधारों को कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि अधिकांश किसान इन सुधारों के पक्ष में हैं जबकि कुछ प्रदर्शन कर रहे हैं।