सपा प्रमुख ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल, भाजपा ने कहा- 10 मार्च को अखिलेश कहेंगे EVM बेवफा है

By अंकित सिंह | Mar 09, 2022

पांच राज्यों में हुए चुनाव को लेकर अब नतीजों का दिन भी आ गया है। 10 मार्च को पांच राज्यों के चुनावी नतीजे आएंगे। हालांकि चुनावी नतीजों से पहले ही ईवीएम का मुद्दा एक बार फिर से गर्म होता दिखाई दे रहा है। सबसे ज्यादा या मुद्दा उत्तर प्रदेश में सुर्खियों में है। दरअसल, समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ईवीएम का मुद्दा उठाते हुए भाजपा पर निशाना साधा है। अखिलेश यादव ने कहा कि EVM मशीनें पकड़ी गई हैं। अब अधिकारी कोई ना कोई बहाना बनाएंगे कि हम EVM को इस वजह से ले जा रहे थे। बरेली में कचड़े की गाड़ी में EVM मशीनें पकड़ी गई। क्या वजह है कि बिना सुरक्षा के EVM मशीनों को ले जाया जा रहा है। बिना प्रत्याशी के जानकारी के आप EVM के एक जगह से दूसरी जगह नहीं ले जा सकते हैं। आखिर सुरक्षाबलों के साथ EVM मीशनों क्यों नहीं जा रही थी। अखिलेश के आरोप पर अब भाजपा की ओर से भी पलटवार किया गया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि अखिलेश जी चुनाव के दौरान समझ गए थे कि लोग समाजवादी पार्टी की ओर गंभीर नहीं हैं क्योंकि उनकी पहली सूची में ही जेल और बेल वाले लोग ज्यादा थे। उम्मीदवार कम और जनता की उम्मीदों पर वार करने वाले ज्यादा थे। चुनाव के आखिरी दौर में मैंने कहा था कि ये जो अखिलेश जी नई सपा और नई हवा की बात करते हैं, आप 10 मार्च का इंतजार कीजिए। ये वही हवा है वही सपा है, जनता जिनसे खफा है, मन बना लिया है करना इनको दफा है और 10 मार्च को अखिलेश यादव जी कहेंगे कि EVM बेवफा है। अखिलेश यादव के बयान पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव का बयान माहौल को खराब करने की कोशिश है। किसी अधिकारी और आयोग पर आरोप लगाना शोभा नहीं देता है। परिवारवाद की राजनीति करने वाले अखिलेश यादव भाजपा लोकतंत्र की रक्षक है, परिवारवाद से बचाने की रक्षक है। आपने यह बयान अपनी बौखलाहट और घबराहट में दिया है।  

 

इसे भी पढ़ें: अखिलेश के आरोपों का वाराणसी के DM ने दिया जवाब, केशव प्रसाद मौर्य ने भी साधा निशाना, कहा- आयोग पर आरोप लगाना शोभा नहीं देता

 

दरअसल, पूरा मामला वाराणसी का है। वाराणसी में गाड़ी से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ईवीएम बरामद किया। हालांकि अब इस को लेकर चुनाव आयोग की भी सफाई आ गई है। चुनाव आयोग ने कहा कि कुछ मीडिया चैनलों द्वारा यह संज्ञान में लाया गया है कि वाराणसी में 8 मार्च को कुछ EVM गाड़ी में ले जायी जा रही थीं जिन पर वहां उपस्थित राजनीतिक प्रतिनिधियों द्वारा आपत्ति की गई। जांच में यह पाया गया है कि ये EVM प्रशिक्षण के लिए चिन्हित थीं। प्रशिक्षण हेतु ले जायी जा रही इन EVM को कुछ राजनीतिक लोगों ने वाहन को रोक कर उसे चुनाव में प्रयुक्त EVM कह कर अफवाह फैलाई। मतदान में प्रयुक्त सभी EVM स्ट्रॉग रूम के अंदर सील बंद हैं और सुरक्षित हैं। 

प्रमुख खबरें

कौन है असली ग्रुप ऑफ डेथ? FIFA World Cup 2026 ड्रॉ के बाद विश्लेषकों की राय, इन ग्रुप्स पर टिकी नजरें

India-US Trade Pact: 10 दिसंबर से शुरू होगा पहले चरण का मंथन, टैरिफ पर हो सकती है बात

रूस में फैलेगा पतंजलि का साम्राज्य, MoU साइन, योग और भारतीय संस्कृति का बढ़ेगा प्रभाव

7 दिसंबर तक रिफंड-क्लियर करो, 48 घंटे में सामान घर पहुंचाओ, वरना होगी सख्त कार्रवाई, सरकार की लास्ट वॉर्निंग