By टीम प्रभासाक्षी | Dec 01, 2021
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के एक छात्र ने विश्विद्यालय पर आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करने के कारण उनसे विश्वविद्यालय ने पीएचडी की डिग्री वापस मांग ली है। आइये जानते हैं क्या है पूरा मामला। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पीएचडी की पढ़ाई कर चुके छात्र दानिश रहीम ने आरोप लगाया है कि. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रशासन ने डिग्री वापस करने का नोटिस भेजा है। क्योंकि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की थी।
दानिश ने इस मामले में हाइकोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है, और इंसाफ की गुहार लगाई है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को भी खत लिखकर न्याय की मांग की है। वहीं इस मामले में विश्वविद्यालय ने भी सफाई दी है।
क्या कहा विश्विद्यालय ने
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रशासन की ओर से कहा गया है कि,गलती से छात्र को गलत नाम वाली डिग्री दे दी गई थी, और उसे सही करने के लिए ही छात्र को नोटिस भेजा गया है। प्रशासन उनके आरोपों को खारिज करता है। एएमयू के प्रवक्ता सफ़ी किदवई ने कहा यह बात बिल्कुल गलत है। भाषा विज्ञान में एक कोर्स होता है लैम, उसमें छात्र ने एमए किया था। और उसी विषय में उसका दाखिला पीएचडी में हुआ। जो उसे डिग्री मिली है उसमें कुछ गलती हो गई थी। उसे भाषा विज्ञान की डिग्री दे दी गई थी। यूनिवर्सिटी ने गलती को सुधार लिया है, और उसको मार्कशीट दे दी जाएगी।
दरअसल 9 मार्च 2021 को एएमयू प्रशासन की तरफ से दानिश रहीम को भाषा विज्ञान में पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई थी। उसके कुछ वक्त बाद छात्र को नोटिस दिया गया कि उसे गलत डिग्री दी गई है। वह भाषा विज्ञान की डिग्री को जमा करके LAM की डिग्री ले ले। यह सुन छात्र भौचक्का रह गया। उसने एएमयू प्रशासन पर ये कहते हुए आरोप लागया, क्योंकि उसने प्रधानमंत्री की तारीफ की थी इसलिए उसे परेशान किया जा रहा है।
राइट विंगर कहा गया
दानिश रहीम कहते हैं कि विश्वविद्यालय के सौ वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित किया था। मैने उनकी तारीफ की थी। उसके बाद 8 फरवरी को मेरा वायवा होना था,लेकिन उससे तीन चार दिन पहले मुझे चैयरमैन ने बुलाया और कहा कि आपने पीएम की तारीफ की थी। आपको किसी राजनीतिक पार्टी के फ़ेवर में बयान नहीं देना चाहिये था। आपकी बातों से लगता है कि आप राइट विंग के आदमी हैं।
दानिश रहीम कहते हैं मैं ये सब सुन कर चुप हो गया, और अपना वायवा दिया। जब 4 अगस्त को मुझे ये खत मिला तो मैं परेशान हो गया। इसके बाद मैने प्रशासन से संपर्क करने की कोशिश की, पर किसी ने मेरी बात नही सुनी। फिर मैं इस मामले को लेकर हाइकोर्ट गया। मैने प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी जी और एचआरडी मंत्री को पत्र लिखकर न्याय की मांग की है।