बाड़मेर में नहीं है मोदी लहर, मानवेंद्र बोले- भाजपा को लोग सिखाएंगे सबक

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 17, 2019

बाड़मेर। बाड़मेर से कांग्रेस प्रत्याशी मानवेंद्र सिंह ने कहा है कि लोग उनके पिता एवं पूर्व भाजपा नेता जसवंत सिंह को 2014 के आम चुनावों में टिकट नहीं देने के कारण भगवा पार्टी से नाराज हैं। उन्होंने यह भी कहा कि थार मरूस्थल की इस लोकसभा सीट पर इस बार लोग उन्हें जितवा कर भाजपा को सबक सिखाएंगे। उन्होंने कहा कि यहां कोई “मोदी लहर” नहीं है और वह अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं। भौगोलिक दृष्टि से बाड़मेर इस प्रमंडल की सबसे बड़ी संसदीय सीट है जहां जाटों एवं राजपूतों का वर्चस्व है। यह दोनों समुदाय यहां के चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। परंपरागत तौर पर अनुसूचित जातियां एवं अल्पसंख्यक समुदाय यहां कांग्रेस का समर्थन करते हैं जबकि करीब 5.5 लाख जाट और 2.5 लाख राजपूत मतदाता हैं। 

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मानवेंद्र 2004 से 2009 के बीच बाड़मेर से सांसद रहे और बाद में शिव से विधायक रहे। वह राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले सितंबर 2018 में भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे। साल 2014 के लोकसभा चुनावों में मानवेंद्र के पिता जसवंत सिंह ने भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर बाड़मेर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था। भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद को टिकट नहीं दिया है और जाट समुदाय से आने वाले पूर्व विधायक कैलाश चौधरी को राजपूत समुदाय के मानवेंद्र सिंह के खिलाफ उतारा है। कैलाश चौधरी पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। 

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मानवेंद्र ने बताया कि पिछली बार भी गुस्सा था, लेकिन इस बार यह ज्यादा स्पष्ट है। आक्रोश विधानसभा चुनाव के दौरान भी दिखा था, जहां नौ में एक सीट को छोड़ कर कांग्रेस ने सभी जीती थी। कांग्रेस पार्टी पिछले साल राज्य में हुए विधानसभा चुनावों में विजेता के तौर पर उभरी और सरकार बनाने में सफल रही, लेकिन मानवेंद्र झालरापाटन विधानसभा सीट से जीत नहीं पाए थे। इस सीट पर मानवेंद्र को तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ उतारा गया था।

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