By अंकित सिंह | Aug 12, 2025
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से सभी आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे दशकों की मानवीय, विज्ञान समर्थित नीति से एक कदम पीछे बताया। लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि पशु ऐसी समस्या नहीं हैं जिन्हें समाप्त किया जा सके और उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे क्रूरता के बिना सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आश्रय, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल को अपनाएं।
एक्स पर एक पोस्ट में राहुल ने लिखा कि दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को हटाने का सुप्रीम कोर्ट का निर्देश दशकों से चली आ रही मानवीय और विज्ञान-समर्थित नीति से एक कदम पीछे है। ये बेज़ुबान आत्माएँ कोई समस्या नहीं हैं जिन्हें मिटाया जा सके। पोस्ट में आगे लिखा था, "आश्रय स्थल, नसबंदी, टीकाकरण और सामुदायिक देखभाल सड़कों को बिना किसी क्रूरता के सुरक्षित रख सकते हैं। कंबल हटाना क्रूर, अदूरदर्शी है और हमारी करुणा को खत्म करता है। हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि जन सुरक्षा और पशु कल्याण साथ-साथ चलें।"
दिल्ली-एनसीआर से आठ हफ़्तों के भीतर सभी आवारा कुत्तों को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया निर्देश पर जनता की राय में तीखा मतभेद पैदा हो गया है। जहाँ कुछ लोगों ने इस कदम का "राहत" बताकर स्वागत किया है, वहीं कुछ ने इसकी आलोचना करते हुए चेतावनी दी है कि इससे इंसान-कुत्ते संघर्ष और बिगड़ सकता है और इसे अतार्किक करार दिया है। आदेश में यह अनिवार्य किया गया है कि कुत्तों को सड़कों से उठाकर संबंधित प्राधिकारियों द्वारा बनाए गए आश्रय स्थलों में रखा जाए।