योग और ध्यान से मिली एकाग्रता से गेंदबाज अर्शदीप सिंह को मिली यॉर्कर डालने में महारत

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 24, 2022

नयी दिल्ली। भारत के बायें हाथ के युवा तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह ने कहा कि योग और ध्यान के जरिये उन्होंने एकाग्रता पाई जिससे परफेक्ट यॉर्कर डालने में मदद मिली जिसके दम पर वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ श्रृंखला के लिये भारत की टी20 टीम में जगह बना सके। 23 वर्ष के इस तेज गेंदबाज ने स्वीकार किया कि आईपीएल में उन्हें सफलता मिली लेकिन सब कुछ उन्हें अपनी मेहनत से अर्जित करना पड़ा। अपनी मर्जी के हिसाब से यॉर्कर डालने का हुनर कुदरती भले ही हो लेकिन आईपीएल से पहले अपने निजी कोच जसवंत राय के साथ उन्होंने इसे निखारा। योग और ध्यान से भी दबाव के पलों में शांत बने रहने में मदद मिली।

इसे भी पढ़ें: सुरक्षित जगह ट्रांसफर की मांग पर अड़े हुए हैं कश्मीरी पंडित, विरोध प्रदर्शन के 10 दिन पूरे

अर्शदीप ने पीटीआई से कहा ,‘‘ ध्यान से दिमाग स्पष्ट हो जाता है। दबाव के हालात में इस स्पष्टता का कोई विकल्प नहीं है। ऐसे पलों में शांत रहने से काफी मदद मिलती है।’’ आईपीएल में काफी समय बिताने के बाद घर लौटकर अर्शदीप आराम कर रहे हैं लेकिन नौ जून से दिल्ली में शुरू हो रही श्रृंखला के लिये उन्हें भारतीय टीम से जुड़ना है। इस सत्र में उन्होंने नयी गेंद की बजाय पुरानी गेंद से अधिक गेंदबाजी की क्योंकि पंजाब किंग्स ने आखिरी ओवरों में उन पर काफी भरोसा किया। टीम द्वारा सत्र से पहले बरकरार रखे गए दो खिलाड़ियों में शामिल अर्शदीप ने डैथ ओवरों में 7 . 31 की औसत से गेंदबाजी की।

इसे भी पढ़ें: राहुल द्रविड़ की वजह से नहीं हो पाई शिखर धवन की टीम इंडिया में वापसी! SA के खिलाफ उन्हें क्यों नहीं चुना गया

उन्होंने कहा ,‘‘ मेरी भूमिका टीम संयोजन पर निर्भर करती है। मैने नयी गेंद, बीच के ओवर और आखिरी ओवरों में भी गेंदबाजी की है।’’ उनके कोच जसवंत का कहना है कि अर्शदीप मिनटों में नया हुनर सीख लेता है और इसकी बानगी आईपीएल से पहले यॉर्कर के अभ्यास के दौरान मिली। जसवंत ने कहा ,‘‘ मैं एक जूता क्रीज पर रखता और दूसरा स्टम्प के पास। गेंद डालते समय मैं उससे कहता था कि यॉर्कर कहां डालनी है। वह सेकंडों में तालमेल बिठा लेता और उसी जगह पर यॉर्कर डालता था। हमने आईपीएल से पहले 20 दिन तक ऐसा ही किया।’’ अर्शदीप को 13 बरस की उम्र से क्रिकेट का ककहरा सिखा रहे कोच ने कहा ,‘‘ वह अपनी मां के साथ खरार से चंडीगढ रोज आता है। एक बार साइकिल खराब हो गई तो वह पैदल 12 किलोमीटर आया। उसके बाद से पता चला कि वह एक दिन कुछ खास करेगा।

प्रमुख खबरें

कौन है असली ग्रुप ऑफ डेथ? FIFA World Cup 2026 ड्रॉ के बाद विश्लेषकों की राय, इन ग्रुप्स पर टिकी नजरें

India-US Trade Pact: 10 दिसंबर से शुरू होगा पहले चरण का मंथन, टैरिफ पर हो सकती है बात

रूस में फैलेगा पतंजलि का साम्राज्य, MoU साइन, योग और भारतीय संस्कृति का बढ़ेगा प्रभाव

7 दिसंबर तक रिफंड-क्लियर करो, 48 घंटे में सामान घर पहुंचाओ, वरना होगी सख्त कार्रवाई, सरकार की लास्ट वॉर्निंग