By अनन्या मिश्रा | Apr 24, 2024
पूर्वोत्तर क्षेत्र में अरुणाचल प्रदेश क्षेत्रवार सबसे बड़ा राज्य है। प्रशासनिक रूप से राज्य को 25 जिलों में विभाजित किया गया है। यह राज्य असाधारण प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। पूर्वोत्तर भारत में स्थित अरुणाचल प्रदेश में अधिकतर जनजातियां निवास करती हैं। जिनकी अपनी परंपराएँ और भाषाएं हैं। क्षेत्रफल की दृष्टि से अरूणाचल प्रदेश भारत के उत्तर पूर्व क्षेत्र का सबसे बड़ा राज्य है। अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर है।
अरुणाचल प्रदेश का इतिहास
बता दें कि राज्य का इतिहास एक रहस्य बना हुआ है। इसमें कुछ मौखिक साहित्य और करीब प्रारंभिक ईसाई युग के तलहटी पहाड़ियों में पाए गए। ऐतिहासिक खंडहरों को छोड़कर कोई रिकॉर्ड नहीं है। साल 1858 में अंग्रेजों द्वारा भारत पर कब्ज़ा करने तक यह क्षेत्र असमियों और अहोम के हाथों चला गया। अरुणाचल को लोकप्रिय रूप से नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर एजेंसी कहा जाता था। अरुणाचल प्रदेश ने साल 1914 में अपनी एक अलग पहचान बनाई।
अरुणाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था
इस राज्य की अर्थव्यवस्था विकासशील है। राज्य में कृषि अर्थव्यवस्था का प्राथमिक चालक है। यहां उगाई जाने वाली फसलों में चावल, गेंहू, दालें, मक्का, बाजरा, गन्ना और तिलहन आदि शामिल है। वहीं वन उत्पाद राज्य की अर्थव्यवस्था का अगला सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है। अरुणाचल प्रदेश का जलविद्युत उत्पादन अर्थव्यवस्था के लिए थोड़ा उपयोगी है। इसके अलावा, पर्यटन उद्योग अरुणाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी पूरक बनाता है।
जातीय समीकरण
यह राज्य अपनी प्राचीन संस्कृति के लिए जाना जाता है। अरुणाचल प्रदेश में 100 से अधिक उप-जनजातियों के साथ करीब 26 जनजातियां हैं। राज्य की जनसंख्या की बात करें, तो वर्तमान समय में अरुणाचल प्रदेश की अनुमानित जनसंख्या 17,11,947 है। जिसमें पुरुषों की संख्या 8,83,358 और महिलाओं की अनुमानित जनसंख्या 8,28,589 है। अरुणाचल की करीब 30 फीसदी आबादी ईसाई धर्म को मानती है।
राजनीतिक समीकरण
एक समय पर अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था। लेकिन साल 2004 में पहली बार बीजेपी को अरुणाचल में जीत हासिल हुई थी। बता दें कि राज्य में 22 जिले, 60 विधानसभा सीटें और 2 लोकसभा सीटें हैं। साल 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बहुमत हासिल की थी। पार्टी ने 60 में से 41 सीटों पर जीत हासिल की थी। राज्य में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी हैं। किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कम से कम 31 सीटों की जरूरत होती है। राज्य विधानसभा चुनाव में सीएम पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चाउना मीन समेत सत्तारूढ़ भाजपा के 10 प्रत्याशियों ने बिना किसी मुकाबले के अपनी सीटों पर जीत हासिल की है।