By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 07, 2022
सरकार की नीतियों का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि राज्य ने 2019 में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) के लिये काम को सुगम बनाने के लिये अधिनियम बनाया। नीति के तहत किसी भी प्रकार की स्वीकृति और जांच-निरीक्षण को लेकर पांच साल की छूट दी गयी। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार के कारोबार सुगमता अभियान के तहत ‘वन स्टॉप शॉप’ यानी एक ही जगह सभी सुविधाएं देने की व्यवस्था की गई है। यहां उद्योग से संबंधित 14 विभागों से संबंधित अनुमति एक ही स्थान पर मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है। इससे इस क्षेत्र को उल्लेखनीय लाभ मिलने की उम्मीद है। गहलोत ने कहा कि जीडीपी के मामले में राज्य देश के भीतर सातवें स्थान पर है और यहां उद्यमियों के लिये भरपूर संसाधन हैं। गहलोत ने इस मौके पर औपचारिक रूप से 33 औद्योगिक इकाइयों का शिलान्यास और 18 औद्योगिक इकाइयों का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने राजस्थान निवेश संवर्धन योजना (आरआईपीएस) 2022 की शुरुआत भी की। मुख्यमंत्री ने दूसरे देशों में रह रहे राज्य के लोगों के लिये पहली प्रवासी राजस्थानी (एनआरआर) नीति भी शुरू कर उनसे अपनी मातृभूमि से जुड़े रहने का अनुरोध किया। इस मौके पर अडाणी समूह के प्रमुख गौतम अडाणी, वेदांता समूह के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, टाटा पावर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा, महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के सीईओ और प्रबंध निदेशक अनीश शाह, डीसीएम श्रीराम लिमिटेड के चेयरमैन और वरिष्ठ प्रबंध निदेशक अजय एस श्रीराम और नेशनल इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन सी के बिड़ला समेत तमाम कारोबारी दिग्गज मौजूद थे। हालांकि आर्सेलर मित्तल के एलएन मित्तल स्वास्थ्य कारणों से सम्मेलन में शामिल नहीं हो पाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान विभिन्न क्षेत्रों में देश में एक मॉडल बन रहा है, जो एक अच्छा संकेत है। गहलोत ने कहा कि यह पहली बार है जब निवेश सम्मेलन के दौरान किसी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं किये गये हैं। उन्होंने कहा कि 11 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर पहले हीहस्ताक्षर किए जा चुके हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि जितने निवेश के लिये समझौता ज्ञापन या आशय पत्रों पर हस्ताक्षर हुए हैं, अगर वे हकीकत में तब्दील हो जाते हैं तो एक बड़ी उपलब्धि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा, लेकिन, यह संभव नहीं है। स्पष्ट रूप से बोलूं, गौतम अडाणी जी यहां बैठे हैं। नरेंद्र मोदी जी ने कई वायब्रेंट गुजरात किये थे। मैं वास्तव में नहीं जानता, लेकिन 15 से 25 प्रतिशत (एमओयू) ही हकीकत का रूप ले सकते हैं। यह थोड़ा कम-ज्यादा हो सकता है।’’ राज्य सरकार ने देश-विदेश में निवेश राजस्थान सम्मेलन के प्रचार-प्रसार के दौरान नवंबर 2021 से सितंबर 2022 के दौरान करीब 4,200 समझौता ज्ञापन/आशय पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं। ‘पूरे हुए वादे’ विषय पर आयोजित इस दो-दिवसीय निवेश सम्मेलन में देश और विदेश के करीब 3,000 प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं। इससे पहले राजस्थान की उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि सरकार राज्य में परंपरागत और उभरते उद्योगों को प्रोत्साहन दे रही है। उद्यमियों के सुझावों पर काम किया जा रहा है। सरकार और उद्यमियों के बीच बेहतर समन्वय के कारण, राज्य में निरंतर निवेश आ रहा है।