जनसंख्या नियंत्रण के लिए असम सरकार का नया उपाय, 8 जिलों में गर्भ निरोधकों की होम डिलीवरी का बन रहा प्लान

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 27, 2021

असम में जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं। हाल ही में राज्य सरकार की वित्त पोषित योजनाओं में से कुछ का लाभ दो बच्चों वालों को ही देने की बात कही गई थी। वहीं अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत असम, आगामी 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस के लिए आठ चुनिंदा जिलों में गर्भ निरोधकों की होम डिलीवरी और पुरुष और महिला नसबंदी के लिए उच्च प्रोत्साहन सहित कई उपाय कर रहा है। 


यह निर्णय मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा जनसंख्या वृद्धि पर विशेष रुप से अप्रवासी मुसलमानों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराने के बाद लिया गया है. आकांक्षी और मिशन परिवार विकास जिलों जैसे बक्सा, बारपेटा, दरांग, धुबरी, गोलपारा, हैलाकांडी, करीमगंज और उदालगुरी में वर्तमान परिवार नियोजन कार्यक्रम के अनुसार महिला नसबंदी को प्रोत्साहित करने के लिए 2,000 रुपये से 3,000 रुपये देने का फैसला लिया गया है। 


गर्भ निरोधकों की होगी होम डिलीवरी


वहीं अन्य जिलों के लिए प्रोत्साहन राशि 1,400 रुपये से 2,200 रुपये है। एनएचएम ने एक बयान में कहा कि पुरुष नसबंदी के लिए महत्वाकांक्षी और एमपीवी जिलों में 3,000 रुपये और अन्य जिलों के मामले में 2,000 रुपये का प्रोत्साहन है। एक बयान में कहा गया है कि "दूसरा ध्यान गर्भ निरोधकों की होम डिलीवरी पर होगा, ताकि ग्राहकों को दरवाजे पर ही इसकी सेवाएं प्रदान की जा सकें।" 


इस बयान में आगे कहा गया कि पिछले साल, कोविड महामारी के बीच, असम ने 835 नसबंदी की, 20,848 आईयूसीडी सम्मिलन किए, जबकि 7,136 अंतरा इंजेक्शन लगाए गए और 7,02,229 कंडोम और 4,41,263 मौखिक गर्भ निरोधकों को डब्ल्यूपीडी के दौरान वितरित किया गया।



वित्त पोषित योजानओं में से कुछ का लाभ 2 बच्चों वालों को

 

वहीं आपको बता दें कि हाल ही में राज्य के मुख्यमंत्री ने वित्त पोषित योजानएं लागू की है। उन्होंने ये योजानाएं लागू करते हुए कहा है कि इनमें से कुछ का लाभ दो बच्चों वालों को ही मिला है। हिमंत बिस्वा के अनुसार राज्य में योजनाओं के लाभ लेने के लिए दो बच्चों की नीति की चरणबद्ध तरीके से लागू होगी। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित जनसंख्या नियंत्रण नीति सभी योजनाओं में तुरंत लागू नहीं की जाएगी क्योंकि योजनाओं का संचालन केंद्र सरकार की ओर से किया जाता है। 

 

राज्य सरकार द्वारा शुरु की जाने वाली आवास योजना में ये नीति लागू की जा सकती है। सरमा ने आगे कहा कि धीरे-धीरे ये नीति हर योजना में लागू की जा सकती है। जिन योजनाओं में ये नीति लागू नहीं होगी वो हैं स्कूलों और कॉलेजों में मुफ्त शिक्षा या प्रधानमंत्री आवास योजना।  अल्पसंख्यक समुदाय से गरीबी को कम करने के लिए जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए शालीन परिवार नियोजन नीति अपनाने का अग्राह किया था। वहीं सरमा ने बड़े परिवारों के लिए प्रवासी मुस्लिम समुदायों को जिम्मेदार ठहराया था। 


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