अयोध्या विवाद: मुस्लिम पक्षों ने कोर्ट से कहा, भारत को समरूपता वाला देश नहीं माना जा सकता

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 15, 2019

नयी दिल्ली। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद में मुस्लिम पक्षकारों के एक वकील ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि भारत को समरूपता वाला देश नहीं माना जा सकता है और भारतीय समाज यूरोप की तुलना में अधिक जटिल है। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई कर रहे प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने मुस्लिम पक्षकारों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन से कहा कि वह ऐसा कुछ कहने के लिये नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को उद्धृत नहीं करें जो मामले से जुड़ा नहीं है। पीठ इस मामले में 38वें दिन सुनवाई कर रही थी।

इसे भी पढ़ें: अयोध्या सुनवाई का अहम दिन आज, मुस्लिम पक्ष ने श्रद्धा और स्कंद पुराण की दलीलों पर उठाया सवाल

पीठ ने कहा, ‘‘कृपया इन सब का जिक्र न करें।’’ पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल हैं। धवन ने सेन का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत को समरूपता वाला देश नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में भगवान राम की पूजा नहीं की जाती थी। धवन ने यह कहकर अदालत में हलचल पैदा कर दी कि औरंगज़ेब सबसे उदार शासकों में से एक था।

 

प्रमुख खबरें

Sandip Pradhan ने SEBI के पूर्णकालिक सदस्य का कार्यभार संभाला

हवाई किराया आसमान छू रहा, Kolkata-Mumbai Flight का किराया 90,000 रुपये

संकट में फंसी IndiGo को विमानन निगरानी संस्था DGCA ने कई छूट दीं

Horoscope 06 December 2025 Aaj Ka Rashifal: सभी 12 राशियों का कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें आज का राशिफल