By रेनू तिवारी | Dec 06, 2025
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद ज़िले में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। यह कदम सस्पेंड किए गए तृणमूल कांग्रेस के विधायक हुमायूं कबीर द्वारा आयोजित एक विवादित नींव रखने की सेरेमनी से पहले उठाया गया है। कबीर ने घोषणा की है कि वह शनिवार को बेलडांगा में "बाबरी मस्जिद" नाम की एक इमारत का उद्घाटन करेंगे। उत्तर बारासात के रहने वाले शफीकुल इस्लाम को अपने सिर पर ईंटें ले जाते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि उनका योगदान मस्जिद के निर्माण में जाएगा। उम्मीद है कि कबीर लगभग 2,000 वॉलंटियर्स के साथ वहां मौजूद रहेंगे।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने एक पब्लिक इंटरेस्ट पिटीशन पर सुनवाई करते हुए बंगाल सरकार को इस घटना से जुड़े किसी भी सांप्रदायिक तनाव को रोकने के लिए सभी ज़रूरी कदम उठाने का निर्देश दिया। अपने आदेश में, एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजॉय पॉल की अध्यक्षता वाली एक डिवीज़न बेंच ने कहा कि राज्य को इलाके में कानून-व्यवस्था को "सख्ती से बनाए रखना" चाहिए और निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि सरकार पहले ही काफी संख्या में फोर्स तैनात कर चुकी है। राज्य की दलीलों के अनुसार, सुरक्षा के कई लेयर्स तैनात किए गए हैं: CISF की 19 कंपनियाँ इलाके में तैनात हैं, जबकि रैपिड एक्शन फोर्स की यूनिट्स और स्थानीय पुलिस रेजीनगर और आस-पास के इलाकों में फैल गई हैं।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के लोगों से शांति बनाए रखने और भड़काऊ बयानों व अफवाहों से प्रभावित न होने का आग्रह किया। उन्होंने यह आग्रह तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद की तर्ज पर बनाई गई मस्जिद की आधारशिला रखने से पहले किया है।
लोक भवन द्वारा सोशल मीडिया मंच एक्स पर किए गए एक पोस्ट के अनुसार, बोस ने राज्य सरकार से आग्रह किया है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करे कि कहीं भी कोई अशांति न हो और कानून व्यवस्था बनी रहे। उन्होंने लोकभवन में तत्काल प्रभाव से 24x7 कार्यरत रहने वाला एक एक्सेस प्वाइंट सेल बनाने का भी निर्देश दिया है। इसके अध्यक्ष सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एस के पटनायक होंगे।
पोस्ट में कहा गया है, लोग फोन या ईमेल के माध्यम से लोक भवन एक्सेस प्वाइंट सेल से संपर्क करने और किसी भी अप्रिय घटना, धमकी या किसी के द्वारा दिए जा रहे भड़काऊ बयान की सूचना देने के लिए स्वतंत्र हैं। पोस्ट में कहा गया है कि राज्यपाल समूची स्थिति पर निगरानी रखेंगे। राज्यपाल को विश्वास है कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कार्रवाई करेगी कि कानून और व्यवस्था को कोई खतरा न हो।