By अनन्या मिश्रा | Aug 09, 2025
श्रावण माह की पूर्णिमा को बलराम जयंती या भगवान बलराम के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार 09 अगस्त 2025 को यह पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन मंदिरों को भव्य तरीके से सजाया जाता है। बता दें कि बलराम भगवान श्रीकृष्ण के सबसे करीबी सहयोगी और बड़े भाई हैं। इनको हलधर भी कहा जाता है। उन्हें अक्सर हल और गदा के साथ चित्रित किया जाता है। तो आइए जानते हैं बलराम जयंती का मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व के बारे में...
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण माह की पूर्णिमा तिथि की शुरूआत 08 अगस्त 2025 को दोपहर 02:12 मिनट से शुरू हो गई है। वहीं आज यानी की 09 अगस्त 2025 की दोपहर 01:24 मिनट पर इस तिथि की समाप्ति होगी। ऐसे में उदयातिथि के हिसाब से 09 अगस्त 2025 को बलराम जयंती मनाई जा रही है।
इस दिन सुबह जल्दी स्नान आदि करके पूजा की थाली तैयार कर लें। वहीं कुछ भक्त इस दिन दोपहर तक कठिन उपवास भी करते हैं। इस दौरान मंदिरों को भव्य और दिव्य तरीके से सजाया जाता है। भगवान बलराम और भगवान श्रीकृष्ण की मूर्तियों को नए वस्त्र व आभूषण पहनाए जाते हैं। वहीं विधि-विधान से पूजा की जाती है और मंत्रोच्चार किए जाते हैं।
बलराम जयंती भगवान बलराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। पुराणों के मुताबिक बलराम भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई की भूमिका का प्रतीक है। वह अपने भाई की अलौकिक शक्तियों को जानते थे, लेकिन फिर भी उन्होंने कभी श्रीकृष्ण का साथ नहीं छोड़ा। उनकी लीलाएं भक्ति और मधुरता से भरी हैं, जोकि उनको श्रीकृष्ण का प्रिय बनाती हैं। बलराम को शेषनाग का अवतार भी माना जाता है। बलराम का स्वरूप स्फटिक-श्वेत, युवा ऊर्जा और अलौकिक शक्तियों से युक्त बताया गया है।