ऋण गारंटी योजना के तहत MSME को 12 हजार करोड़ रुपये तक के कर्ज दे सकता है बैंक ऑफ बड़ौदा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 23, 2020

मुंबई।  बैंक ऑफ बड़ौदा ने शनिवार को कहा कि वह सरकार की तीन लाख करोड़ रुपये की आपात ऋण गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत एमएसएमई को 12,000 करोड़ रुपये तक का ऋण दे सकता है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस महामारी से उत्पन्न संकट से प्रभावित मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यमों (एमएसएमई) की मदद करने के लिये तीन लाख करोड़ रुपये की 100 प्रतिशत ऋण गारंटी योजना की पिछले सप्ताह घोषणा की थी। ऐसे सभी एमएसएमई कर्जदार जिनका सालाना कारोबार 100 करोड़ रुपये तक है और उनके ऊपर 29 फरवरी तक 25 करोड़ रुपये तक का बकाया है, इस योजना के लिये पात्र हैं। बैंक ऑफ बड़ौदा के प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) संजीव चड्ढा ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संवाददाताओं को बताया, हमारे मामले में, इस विशेष पोर्टफोलियो की राशि 58,000 करोड़ रुपये है। इसका 20 प्रतिशत 10,000 करोड़ रुपये से 12,000 करोड़ रुपये के आसपास होगा। हम आने वाले समय में सरकार की ऋण गारंटी योजना के तहत यह राशि अपने एमएसएमई ग्राहकों को उपलब्ध करा सकते हैं। उन्होंने कहा कि मार्च में शुरू कोविड-19 आपात ऋण गारंटी योजना के तहत बैंक ने अब तक एमएसएमई के लिये 3,000 करोड़ रुपये के ऋण की मंजूरी दी है और इनमें से 1,500 करोड़ रुपये के ऋण बांटे गये हैं। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के द्वारा कर्ज की किस्तों के भुगतान में छूट की दी गयी राहत का लाभ बैंक ऑफ बड़ौदा के करीब 60-70 प्रतिशत कर्जदारों ने उठाया है। चड्ढा ने कहा, 90 प्रतिशत या इससे अधिक कर्जदार ऋण की किस्तें चुकाने से छूट की योजना का लाभ उठा सकते थे, लेकिन करीब 60 से 70 प्रतिशत कर्जदारों ने इसका लाभ उठाया है।’’ 

 

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भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैनक्ष रजनीश कुमार ने शुक्रवार को कहा था कि उनके बैंक के 20 प्रतिशत के करीब कर्जदारों ने किस्तें चुकाने से मोहलत की योजना का लाभ उठाया है। रिजर्व बैंक ने कर्ज की किस्ते चुकाने से छूट को तीन और महीने के लिये बढ़ा दिया है। चड्ढा ने कहा कि जैसे-जैसे आर्थिक गतिविधियां शुरू हो रही हैं, इस योजना का लाभ उठाने वालों की संख्या कम होते जा रही है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने अभी तक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को किस्तों की अदायगी में एक तय समय तक की छूट नहीं दिया है। हालांकि चड्ढा ने बताया कि एनबीएफसी को मोहलत देने का फसला हर मामले का अलग अलग विचार कर के किया जाएगा। कोराना वायरस महामारी को और उससे जुड़ी सार्वजनिक पाबंदियों को देखते हुए रिजर्व बैंक ने बैंकों को मोहलत दी थी कि वे ग्राहकों से कर्ज की वसूली में तीन माह की राहत सकते हैं। उसने शुक्रवार को इस मोहलात को तीन माह और बढा कर 31 अगस्त कर दिया है।

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