By अभिनय आकाश | May 29, 2025
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने माना है कि 9-10 मई की रात को जब भारत ने रावलपिंडी के हवाई अड्डे सहित प्रमुख सैन्य ठिकानों पर हमला करने के लिए ब्रह्मोस मिसाइलों का प्रक्षेपण किया। उनकी सेना को इस बात का अंदाजा नहीं था। अजरबैजान में एक कार्यक्रम में बोलते हुए शरीफ ने कहा कि असीम मुनीर के नेतृत्व वाली सेना ने 10 मई को सुबह की नमाज के बाद भारत पर हमला करने की योजना बनाई थी। हालांकि, प्रधानमंत्री ने कहा कि भोर से पहले ही लंबी दूरी की सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों ने पाकिस्तान के विभिन्न प्रांतों पर हमला कर दिया। शरीफ ने कहा कि उन्हें सुबह-सुबह हुए हमले की जानकारी मुनीर ने दी, जिन्हें अब फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया है।
शरीफ ने लचिन में अपने भाषण के दौरान कहा कि 10 मई की रात को हमने भारतीय आक्रामकता का जवाब नपे-तुले अंदाज में देने का फैसला किया। हमारे सशस्त्र बल सुबह फज्र की नमाज के बाद 4.30 बजे कार्रवाई करने के लिए तैयार थे, ताकि सबक सिखाया जा सके। लेकिन उस समय से पहले ही भारत ने एक बार फिर ब्रह्मोस का इस्तेमाल करते हुए मिसाइल हमला किया, जिसमें रावलपिंडी के हवाई अड्डे सहित पाकिस्तान के विभिन्न प्रांतों को निशाना बनाया गया। भारत की सैन्य प्रतिक्रिया के बारे में प्रधानमंत्री की दुर्लभ स्वीकृति असीम मुनीर की मौजूदगी में आई।
रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस उन 11 सैन्य स्थलों में से एक था, जिन्हें भारत ने पाकिस्तान द्वारा पश्चिमी सीमा पर नागरिक क्षेत्रों पर ड्रोन और मिसाइल हमलों के जवाब में रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना मुख्यालय से कुछ ही दूरी पर स्थित इस एयरबेस में लॉकहीड सी-130 हरक्यूलिस और इल्यूशिन आईएल-78 रिफ्यूलर जैसे शीर्ष सैन्य विमान मौजूद हैं। सैटेलाइट इमेजरी के विश्लेषण से पता चलता है कि कम से कम दो सैन्य परिवहन वाहनों को नुकसान पहुंचा है। नूर खान के अलावा, भारत ने रफीकी, मुरीद, रहीम यार खान, सुक्कुर और चुनियन में पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर हमला किया। स्कार्दू, भोलारी, जैकबाबाद और सरगोधा में स्थित एयरबेस को भी भारी नुकसान पहुंचा।
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