By अंकित सिंह | Dec 18, 2025
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को राज्य की आलोचनाओं का खंडन करते हुए कहा कि बंगाल को बदनाम करने के प्रयास विफल होंगे और इसके बढ़ते आर्थिक और सांस्कृतिक महत्व पर प्रकाश डाला। बनर्जी ने कहा कि कुछ लोग बंगाल को बदनाम करना चाहते हैं, लेकिन वे नहीं जानते कि राज्य कितना बदल गया है। बंगाल आज प्रमुख लॉजिस्टिक्स केंद्रों में से एक है और दक्षिण पूर्व एशिया, पूर्वी भारत और उत्तर पूर्वी राज्यों का प्रवेश द्वार है। यह झारखंड, बिहार और ओडिशा जैसे सीमावर्ती राज्यों से घिरा हुआ है।
मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि बंगाल एक शांतिपूर्ण राज्य है और सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही कोई भी नकारात्मक बातें झूठी हैं और इनका उद्देश्य इसकी छवि खराब करना है। उन्होंने कहा कि कुछ फर्जी खबरें तथाकथित सोशल मीडिया से आती हैं, जो बंगाल को बदनाम करने के लिए वीडियो पोस्ट करते हैं या गलत सूचना फैलाते हैं। लेकिन मैं किसी को भी चुनौती देती हूं, वे बंगाल को नुकसान नहीं पहुंचा सकते।
बनर्जी ने राज्य की आर्थिक और शैक्षिक पहलों पर भी बात की। उन्होंने बताया कि हुगली जिले के उत्तरपारा में 350 एकड़ जमीन उमेश चौधरी को वैगन निर्माण के लिए दी जाएगी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल भारत का दूसरा सबसे बड़ा पर्यटन स्थल बन गया है और उन्होंने कक्षा 9 के सरकारी स्कूलों के छात्रों को प्रतिवर्ष 16 लाख साइकिलें उपलब्ध कराने के लिए सरकार के प्रयासों पर जोर दिया। धार्मिक और सांस्कृतिक परियोजनाओं पर मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि दुर्गांगन की आधारशिला 29 दिसंबर को राजारहाट में रखी जाएगी और सिलीगुड़ी में महाकाल मंदिर के लिए एक ट्रस्ट की स्थापना की पुष्टि की।
एमएनआरईजीए का नाम बदलकर वीबी जी राम जी किए जाने पर टिप्पणी करते हुए बनर्जी ने निराशा व्यक्त की और कहा, "गांधी जी राष्ट्र के बापू हैं। अगर उन्हें सम्मान नहीं दिया जाता है तो मुझे शर्म आती है, लेकिन हम उनका सम्मान करना जारी रखेंगे।" बनर्जी ने नकारात्मकता की जगह सकारात्मकता को प्राथमिकता देते हुए कहा, "आलोचना करने के बजाय, कभी-कभी सकारात्मक रहें। मौन एक बड़ा हथियार है, और ईर्ष्या का कोई इलाज नहीं है। हमने रोजगार के अवसर पैदा किए हैं और हम चाहते हैं कि हर व्यापारी और हर नागरिक शांतिपूर्वक जीवन जी सके।"