भीमा कोरेगांव मामले में SC ने रिकॉर्ड पेश करने के उच्च न्यायालय के आदेश को किया दरकिनार

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 06, 2020

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय के एक फैसले को दरकिनार कर दिया जिसमें उसने भीमा कोरेगांव मामले में नागरिक अधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा को दिल्ली से मुंबई स्थानांतरित करने पर एनआईए से न्यायिक रिकॉर्ड पेश करने के लिए कहा था। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी की पीठ ने कहा कि नवलखा की जमानत याचिका पर सुनवाई करने का अधिकार दिल्ली उच्च न्यायालय के पास नहीं है और मामले में सुनवाई का अधिकार बंबई की अदालतों को है। 

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उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के खिलाफ उच्च न्यायालय की प्रतिकूल टिप्पणी को भी खारिज कर दिया, जो उच्च न्यायालय ने 27 मई को जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान की थी। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के 27 मई के फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें नवलखा को जल्दबाजी में तिहाड़ जेल से मुंबई ले जाने के लिए एनआईए की खिंचाई की गई थी। उच्च न्यायालय ने नवलखा को राष्ट्रीय राजधानी से मुंबई ले जाने में ‘‘अनुचित जल्दबाजी’’ करने के लिए 27 मई को एनआईए की खिंचाई की थी, जबकि उनकी अंतरिम जमानत याचिका यहां लंबित थी।

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