पीएम मोदी का भाषण सुन भर आई बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल की आंखें, देखें Video

By अंकित सिंह | Sep 02, 2025

बिहार में एक कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस की हाल ही में संपन्न 'मतदाता अधिकार यात्रा' के दौरान अपने और अपनी दिवंगत माँ के खिलाफ की गई अपमानजनक टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए भावुक हो गए। यह क्षण इतना मार्मिक था कि बिहार भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल अपनी आँखों से आँसू पोंछते हुए दिखाई दिए, यह दृश्य एक वीडियो में कैद हो गया जो अब वायरल हो गया है।

 

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बाद में दिलीप जायसवाल ने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार की माताओं-बहनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आर्थिक मदद दी। 20 लाख माताएँ-बहनें प्रधानमंत्री मोदी को सुन रही थीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राजद के मंच से प्रधानमंत्री मोदी की दिवंगत माँ को गाली देने से बड़ा कोई पाप नहीं हो सकता। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने बिहार की धरती को शर्मसार किया है। मैं भी भावुक हो गया...सत्ता पाने के लिए इतना नीचे नहीं गिरना चाहिए। 


यह टिप्पणी मंगलवार को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड का वर्चुअल शुभारंभ करने के दौरान आई। उन्होंने अपनी माँ के प्रति की गई गालियों पर गहरा दुख व्यक्त किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि भले ही वह राजद और इस सबसे पुरानी पार्टी को माफ़ कर दें, लेकिन पूर्वी राज्य के लोग उन्हें कभी माफ़ नहीं करेंगे। मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए आरोप लगाया कि किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी कि कांग्रेस के मंच से उनकी माँ को गालियाँ दी जाएँगी। मोदी ने कहा कि माँ हमारा संसार है। माँ हमारा स्वाभिमान है। इस संस्कार संपन्न बिहार में कुछ दिन पहले जो हुआ, उसकी मैंने कल्पना भी नहीं की थी। बिहार में RJD-कांग्रेस के मंच से मेरी माँ को गालियाँ दी गईं। ये गालियाँ सिर्फ़ मेरी माँ का अपमान नहीं हैं। ये देश की माताओं, बहनों और बेटियों का अपमान है। 


मोदी ने साफ तौर पर कहा कि मैं जानता हूँ... आप सभी को, बिहार की हर माँ को, ये देखकर और सुनकर कितना बुरा लगा होगा! मुझे पता है, जितना दर्द मेरे दिल में है, उतना ही दर्द बिहार के लोगों को भी है। उन्होंने कहा कि मेरी माँ ने मुझे अपने से अलग कर दिया ताकि मैं आप जैसी करोड़ों माताओं की सेवा कर सकूँ। आप सब जानते हैं कि अब मेरी माँ जीवित नहीं हैं। कुछ समय पहले, 100 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद, वो हम सबको छोड़कर चली गईं। मेरी वो माँ, जिसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था, जो अब नहीं रही, उसे राजद और कांग्रेस के मंच से गालियाँ दी गईं। बहनों और माताओं, मैं आपके चेहरे देख सकता हूँ; मैं उस दर्द की कल्पना कर सकता हूँ जो आपने महसूस किया होगा। मैं कुछ माताओं की आँखों में आँसू देख सकता हूँ। यह बहुत दुखद है, दर्दनाक है। 


प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरी माँ ने हम सबको बेहद गरीबी में पाला... वो अपने लिए कभी नई साड़ी नहीं खरीदती थीं और हमारे परिवार के लिए एक-एक पैसा बचाती थीं। मेरी माँ की तरह, मेरे देश की करोड़ों माताएँ हर दिन तपस्या करती हैं। उस मां के ही आशीर्वाद से मैं चल पड़ा था। इसलिए, मुझे आज इस बात की पीड़ा है कि जिस मां ने मुझे देशसेवा का आशीर्वाद देकर भेजा, खुद से अलग करके मुझे जाने की इजाजत दी। उन्होंने कहा कि मैंने हर दिन, हर क्षण अपने देश के लिए पूरी मेहनत से काम किया है। और इसमें मेरी मां की बहुत बड़ी भूमिका रही है। मुझे मां भारती की सेवा करनी थी... इसलिए मुझे जन्म देने वाली मेरी मां ने मुझे अपने दायित्वों से मुक्त कर दिया था।


उन्होंने कहा कि एक गरीब मां ऐसे ही तपकर अपने बच्चों को शिक्षा-दीक्षा देती है, ऊंचे संस्कार देती है। इसलिए मां का स्थान देवी-देवताओं से भी ऊपर माना जाता है। बिहार के ही संस्कार हैं और हर बिहारी के मुंह से तो ये बात यूंही निकलती है - माई के स्थान, देवता पीतर से भी ऊपर होला! मोदी ने कहा कि एक गरीब मां की तपस्या, उसके बेटे की पीड़ा ये शाही खानदानों में पैदा हुए युवराज नहीं समझ सकते। ये नामदार लोग तो सोने-चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं। देश और बिहार की सत्ता इन्हें अपने खानदान की विरासत लगती है। इन्हें लगता है कि कुर्सी इन्हें ही मिलनी चाहिए। लेकिन, आपने, देश की जनता जनार्दन ने एक गरीब मां के कामदार बेटे को आशीर्वाद देकर प्रधानसेवक बना दिया। ये बात नामदारों को पच नहीं रही है। 

 

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विपक्ष पर वार करते हुए मोदी ने कहा कि कोई पिछड़ा, अति-पिछड़ा आगे बढ़ जाए, ये कांग्रेस को तो कभी बर्दाश्त नहीं हुआ है! इनको लगता है, नामदारों का तो अधिकार है कामदारों को गालियां देना... इसलिए ये गालियों की झड़ी लगा देते हैं। उन्होंने कहा कि मां को गाली देने वाली सोच, बहन को गाली देने वाली सोच, महिलाओं को कमजोर समझती है। ये मानसिकता महिलाओं को शोषण और अत्याचार की वस्तु मानती है। इसलिए, जब-जब महिला विरोधी मानसिकता को सत्ता मिली है, सबसे ज्यादा तकलीफें माताओं-बहनों-बेटियों को ही झेलनी पड़ी है।

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