Bihar Assembly Elections 2025 | NDA में सीटों का गणित सुलझा, पर 'इंडिया' गठबंधन में नामांकन से पहले भी क्यों फंसा है पेंच?

By रेनू तिवारी | Oct 13, 2025

बिहार में विपक्षी 'महागठबंधन' गठबंधन इस हफ़्ते अपनी सीट-बंटवारे की योजना की घोषणा कर सकता है। खबरों के अनुसार, विपक्षी गठबंधन अगले कुछ दिनों में अपनी योजना को अंतिम रूप देने के बाद इसकी घोषणा करेगा। इसके अलावा, गठबंधन द्वारा इसी हफ़्ते एक संयुक्त घोषणापत्र भी जारी करने की उम्मीद है। पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष सूत्रों ने बताया कि राजद और कांग्रेस के बीच बातचीत चल रही है और सोमवार को उनके नेतृत्व की बैठक होने की उम्मीद है क्योंकि राजद प्रमुख लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव दिल्ली में हैं।

इसके अलावा कई दिनों की गहन चर्चा और मंथन के बाद रविवार को बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के बीच विधानसभा चुनाव के लिए सीट का बंटवारा हो गया जबकि विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन में इस मुद्दे को लेकर अब भी पेंच फंसा हुआ है। राजग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 243 सदस्यीय विधानसभा में 101-101 सीट पर चुनाव लड़ेंगी, जबकि शेष सीट छोटे सहयोगी दलों के लिए छोड़ी गई हैं। यह पहला अवसर है जब बिहार में राजग के दोनों प्रमुख घटक जदयू और भाजपा समान संख्या में सीट पर चुनाव लड़ेंगे।

घोषणा ऐसे समय में की गई जब चुनाव के पहले चरण के नामांकन की अंतिम तारीख में अब एक सप्ताह से भी कम का समय बचा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के बराबर सीट पर चुनाव लड़ने पर सहमति जताई है। कुमार लगातार पांचवीं बार सत्ता में वापसी की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा कभी जदयू की कनिष्ठ सहयोगी मानी जाती थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में वह राज्य में अपनी पैठ लगातार मजबूत करती रही है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को 29 सीट मिली हैं। वर्ष 2020 के चुनाव में चिराग पर जदयू को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे थे, जब उन्होंने गठबंधन से बगावत कर अलग लड़ाई लड़ी थी।

राजग के अन्य घटक पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) और राज्यसभा सदस्य उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को छह-छह सीट दी गई हैं। सूत्रों के अनुसार, दिल्ली में राजग के शीर्ष नेताओं की बैठक में सीट बंटवारे पर “सौहार्दपूर्ण माहौल” में सहमति बनी। वैसे मांझी पूरी तरह संतुष्ट नजर नहीं आये। वह पहले “कम से कम 15 सीट” की मांग कर रहे थे, ताकि उनकी पार्टी

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पटना पहुंचने पर उन्होंने पत्रकारों से कहा, “उच्च नेतृत्व ने जो फैसला किया है, उसे हमने स्वीकार कर लिया। लेकिन हमें केवल छह सीट देकर हमारी ताकत को कम करके आंका गया है। इसका नुकसान राजग को चुनाव में उठाना पड़ सकता है।” हालांकि मांझी ने यह भी दोहराया कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ “आखिरी सांस तक” रहेंगे। दूसरी ओर, विपक्षी महागठबंधन (इंडिया गठबंधन) में सीट बंटवारे का पेंच अब भी फंसा नजर आ रहा है।

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव दिल्ली रवाना हो गए, जिससे गठबंधन के भीतर असंतोष की अटकलें तेज हो गईं। पहले चरण के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर है और उम्मीदवारों में बेचैनी स्पष्ट दिखने लगी है। लालू परिवार के दिल्ली रवाना होते समय उनके आवास के बाहर कार्यकर्ताओं ने जमकर नाराजगी जताई। बिहार में दो चरणों में मतदान छह और 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। राजद के करीबी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह 243 में से “कम से कम आधी” सीट पर चुनाव लड़ेगी।

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सूत्रों ने देरी के लिए कांग्रेस, वामदलों और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को जिम्मेदार ठहराया। मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि कांग्रेस अपनी हालिया ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की सफलता के आधार पर अधिक सीट की मांग कर रही है। इस यात्रा में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दो सप्ताह में राज्य के 25 जिलों का दौरा किया था। कयास लगाए जा रहे थे कि लालू परिवार दिल्ली जाकर राहुल गांधी से हस्तक्षेप करने की अपील करेगा, लेकिन बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने इस पर विराम लगा दिया। उन्होंने कहा, “लालू जी और उनका परिवार दिल्ली इसलिए गए है क्योंकि उन्हें अदालत में पेश होना है।” राज्यसभा सदस्य सिंह तेजस्वी यादव के साथ उसी उड़ान में बैठे थे।

उन्होंने कहा, “सीट बंटवारे में ज्यादा समस्या नहीं है। एक-दो दिन में सब स्पष्ट हो जाएगा।” राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्य भूमि के बदले नौकरी (लैंड-फॉर-जॉब्स) घोटाले में आरोपी हैं, जो उनके रेलमंत्री कार्यकाल से जुड़ा मामला है। पटना में कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने राजग पर निशाना साधते हुए कहा, “सीट बंटवारे से साफ है कि भाजपा ने नीतीश कुमार को हाशिये पर डाल दिया है। यह पहली बार है जब जदयू भाजपा से ज्यादा सीट पर नहीं लड़ रहा है। आने वाले समय में भाजपा, जदयू को निगल जाएगी।”

उधर, जन सुराज पार्टी ने पुराने गठबंधनों से पहले बढ़त लेते हुए कुछ दिन पहले ही 51 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी तथा सोमवार को एक और सूची जारी करने वाली है। यह पार्टी एक साल पहले बनी थी। सभी की निगाहें वैशाली जिले की राघोपुर सीट पर टिकी हैं, जहां तेजस्वी यादव लगातार तीसरी जीत दर्ज करने की कोशिश में हैं। जन सुराज पार्टी के संस्थापक और पूर्व चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने संकेत दिए हैं कि वह स्वयं इसी सीट से चुनाव लड़ सकते हैं।

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