By नीरज कुमार दुबे | Mar 12, 2018
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 10 सीटों के लिए हो रहे राज्यसभा चुनाव दिलचस्प हो गए हैं क्योंकि भाजपा के 11 उम्मीदवारों ने पर्चे भरे हैं और अब तक 14 प्रत्याशी नामांकन दाखिल कर चुके है। हालांकि, असली तस्वीर 15 मार्च को नामांकन वापसी के बाद ही साफ हो सकेगी। निर्वाचन अधिकारी पूनम सक्सेना ने बताया, 'सबसे पहले भाजपा प्रत्याशी अरुण जेटली आज नामांकन भरा। इसके बाद डॉ. अशोक बाजपेयी, विजयपाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, डॉ. अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव, हरनाथ सिंह यादव, अनिल कुमार अग्रवाल, सलिल विश्नोई और विदया सागर सोनकर ने नामांकन दाखिल किया है। एक निर्दलीय प्रत्याशी महेश चन्द्र शर्मा ने भी अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। वहीं, सपा की जया बच्चन तथा बसपा के भीमराव अंबेडकर पहले ही अपना नामांकन दाखिल कर चुके हैं।'
गौरतलब है कि भाजपा ने रविवार शाम जारी सूची में उप्र से अरुण जेटली, डॉ. अशोक बाजपेयी, विजयपाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, डॉ. अनिल जैन, जीवीएल नरसिम्हा राव और हरनाथ सिंह यादव को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। इनके अलावा अनिल कुमार अग्रवाल, सलिल विश्नोई और विद्यासागर सोनकर से नामांकन दाखिल करवाकर सबको चौंका दिया।
नामांकन दाखिल करने के बाद भाजपा के प्रदेश महासचिव सलिल विश्नोई ने कहा, 'पार्टी नेतृत्व के आदेश पर आज मैंने राज्यसभा के लिये अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। आगे पार्टी जो भी आदेश करेगी मैं उसका पालन करूंगा।'
भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौड़ से जब राज्यसभा की 10 सीटों के लिये 11 प्रत्याशी उतारने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नाम वापसी की तारीख 15 मार्च के बाद तस्वीर पूरी तरह से साफ हो जायेगी तब तक इंतजार करिये।
भाजपा के राज्यसभा प्रत्याशी अरुण जेटली ने आज 11 बजकर 35 मिनट पर नामांकन पत्र दाखिल किया। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य, दिनेश शर्मा, कैबिनेट मंत्री सतीश महाना, श्रीकांत शर्मा, अनुपमा जायसवाल तथा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र पांडेय मौजूद थे।
राज्यसभा नामांकन का आज अंतिम दिन है। 23 मार्च को चुनाव का दिन निर्धारित किया गया है। 403 सदस्यों वाली उप्र विधानसभा में भाजपा और उसके सहयोगियों के पास 324 सीटें हैं। समाजवादी पार्टी के 47, बसपा के 19, कांग्रेस के सात और रालोद का एक विधायक है। राज्यसभा में एक प्रत्याशी को जीतने के लिये 37 प्रथम वरीयता के वोटों की जरूरत होती है। अगर गणित के हिसाब से देखें तो 10 में से आठ सीटें भाजपा आसानी से जीत सकती है।