By अभिनय आकाश | May 07, 2024
2024 का लोकसभा चुनाव जम्मू और कश्मीर (J&K) में पहली बड़ी चुनावी प्रक्रिया है क्योंकि 2019 में संविधान के अनुच्छेद 370 को रद्द करने के साथ पूर्ण राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार आयोजित होने की उम्मीद है। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और बारामूला निर्वाचन क्षेत्र से नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के लोकसभा उम्मीदवार उमर अब्दुल्लाने चुनावों, अनुच्छेद 370 को निरस्त करने आदि के बारे में एक निजी मीडिया से बात की है। उन्होंने कहा कि कश्मीर चुनाव के सामान्य पहलू पर उतना ध्यान नहीं दिया गया जितना मिलना चाहिए था। 2013 में पंचायत चुनाव हुए, उनमें कई हिस्सों में 80% तक मतदान हुआ।
लेकिन मुख्यधारा का मीडिया श्रीनगर या सोपोर जैसे कम मतदान वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करके अधिक खुश रहा है। अन्यथा पार्टी कार्यकर्ताओं के उत्साह के लिहाज से यह हमारे लिए कोई नई बात नहीं है। पूरी घाटी में लोगों को...किसी भी बात पर सुनने और विचार व्यक्त करने का मौका नहीं मिला है, खासकर 5 अगस्त, 2019 को उनके साथ क्या किया गया था [अनुच्छेद 370 को रद्द करना)। आप जो देख रहे हैं वह उस गुस्से से संबंधित है। अगर यह सच है तो कश्मीर में भाजपा के उम्मीदवार कहां हैं? उन्होंने यहां की तीन लोकसभा सीटों में से किसी पर भी चुनाव नहीं लड़ने का फैसला क्यों किया है? यदि यह सब परिवर्तन भाजपा के कारण हुआ है, तो वे इसे लोगों को क्यों नहीं बेच पा रहे हैं?
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि बीजेपी अब भी यह क्यों कहती है कि ''हमें चुनाव लड़ने की कोई जल्दी नहीं है, हम पहले जनता का दिल जीतेंगे?... इसका मतलब है कि आपने अभी तक लोगों का दिल नहीं जीता है। इसीलिए आप यहां जो मूड देख रहे हैं, वह भाजपा द्वारा उठाए गए कदमों के लिए जिम्मेदार नहीं है। यह भाजपा ने जो किया उसके बावजूद है, न कि उसने जो किया उसके कारण।