योगी की यात्रा, SC/ST सीटों पर फोकस, जन मोर्चा की चाह वाले KCR के तेलंगाना में बीजेपी का मिशन 70 शुरू

By अभिनय आकाश | Apr 05, 2022

तेलंगाना में विधानसभा के चुनाव अगले साल होने हैं। लेकिन अब जन मोर्चा की चाह वाले केसीआर के तेलंगाना को लेकर बीजेपी ने अपने मिशन 70 का आगाज कर दिया है। भाजपा 14 अप्रैल को अपनी प्रजा संग्राम यात्रा के दूसरे चरण के साथ तेलंगाना में चुनावी बिगुल फूंकने जा रही है। इस यात्रा में पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक कई केंद्रीय नेता शामिल होंगे। पार्टी के पन्ना प्रमुखों को नए सदस्यों को नामांकित करने के लिए जमीन पर उतारा गया है, जबकि रणनीतिकारों और डेटा विश्लेषकों की एक समर्पित टीम हैदराबाद में भाजपा के अभियान के समन्वय के लिए डेरा डाले हुए है।

बीजेपी की नजर एससी, एसटी आरक्षित सीटों पर

पार्टी राज्य में एससी, एसटी आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों पर ज्यादा फोकस कर रही है। तेलंगाना में अनुसूचित जाति के लिए 19 आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र और अनुसूचित जनजाति समुदायों के लिए 12 निर्वाचन क्षेत्र आरक्षित हैं। भाजपा ने आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टी की पहल को ले जाने के लिए जमीन तैयार करने के लिए 'मिशन 19' और 'मिशन 12' नामक विशेष टीमों का गठन किया है। बीजेपी का मिशन कोई आसान काम नहीं है, क्योंकि 2018 के विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़-टीआरएस ने खम्मम को छोड़कर आरक्षित विधानसभा क्षेत्रों में क्लीन स्वीप किया था और बीजेपी के हाथों में शून्य ही हासिल हुआ था।  सत्तारूढ़-टीआरएस जहां एसटी को वितरण के लिए पोडू भूमि के पट्टे और एससी के लिए दलित बंधु जैसी योजनाएं से लुभाने के प्रयास में लगी है। वहीं बीजेपी भी इन निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाताओं को लुभाने के लिए अपने तरीके से कमर कस रही है। पूर्व सांसद एपी जितेंद्र रेड्डी को मिशन 19 का अध्यक्ष बनाया गया है और पूर्व सांसद गरिकापति मोहन राव एसटी मोर्चा मिशन 12 के समन्वय सदस्यों में से एक हैं।

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क्या है बीजेपी का मिशन 70

तेलंगाना के विधानसभा चुनाव 2023 के लिए बीजेपी का मिशन 70 सीटों पर विजय हासिल करना है। हालांकि अभी ये संख्या कई लोगों के लिए बहुत दूर की कौड़ी और अवास्तविक लग सकती है। भाजपा जिसके पास वर्तमान में 119 निर्वाचन क्षेत्रों में केवल 3 सीटें हैं। 2023 में 70 सीटों पर अपनी नजर गड़ा रखी है। पार्टी ने कभी भी तेलंगाना राज्य से अपना ध्यान नहीं हटाया। हालाँकि, स्थानीय राजनीतिक परिदृश्य और विशेष रूप से चुनावों के दौरान सीएम केसीआर द्वारा शुरू किए जा रहे क्षेत्रवाद के मुद्दे ने भाजपा को चुनावी स्तर पर संघर्षरत रखा। इस बार बीजेपी के पास बढ़त है और सीएम केसीआर द्वारा पैदा की जा रही क्षेत्रवाद की भावना हर समय काम नहीं कर सकती है। 

यूपी की टीम को मैदान में उतारा

जेपी नड्डा और योगी आदित्यनाथ के अलावा, राजनाथ सिंह और स्मृति ईरानी 45 दिवसीय पदयात्रा में भाग लेंगी, जिसमें जनसभाएं, रोड शो और कम से कम आधा दर्जन कल्याणकारी उपायों की घोषणा होगी, जिसके विवरण को अंतिम रूप दिया जा रहा है। यूपी चुनाव की लगभग 60 लोगों की रणनीतिक टीम  तेलंगाना में काम शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की एक चुनाव योजना टीम इसमें उनकी सहायता कर रही है। वे पार्टी कार्यालय से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। 

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वक्त से पहले करा सकते हैं चुनाव 

कांग्रेस की हार के साथ ही तेलंगाना में बीजेपी को राज्य के दो-पक्षीय राजनीतिक क्षेत्र में एक अवसर दिखाई दे रहा है। जिसकी एक झलक नवंबर 2021 की हुजुराबाद उपचुनाव में जीत के साथ दिखाई दी। जहां भाजपा उम्मीदवार ने सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति के उम्मीदवार को पराजित कर दिया। जिसके बाद से टीआरएस की घबराहट केंद्र सहित भाजपा के खिलाफ अपने अभियान को तेज करने में साफ दिखता प्रतीत होती है।  ऐसी भी चर्चा है कि मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव 2023 के अंत से पहले चुनाव में जा सकते हैं, ताकि भाजपा को अभियान चलाने के लिए पर्याप्त समय न मिल सके।

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