चुनाव से कुछ महीने पहले उन्होंने कांग्रेस का हाथ छोड़ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की उपस्थिति में भगवा दल का दामन थाम लिया था। उन्होंने मन्नाडीपेट विधानसभा सीट से जीत हासिल की। इससे पहले वह विलियनूर और उझावरकरायी सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। उनके बाद कांग्रेस के कई विधायकों और नेताओं ने या तो भाजपा या फिर एआईएनआरसी का दामन थाम लिया था। भाजपा के जिन उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की उनमें कामराज नगर से ए जॉन कुमार, नेल्लिथेपे से उनके पुत्र रिचर्ड्स जॉन कुमार, कालापेट से एआईएनआरसी के पूर्व विधायक पी एम एल कल्याणसुंदरम, मानावेली से ई सेलवम और औसुडू जे सर्वनन कुमार शामिल हैं। भाजपा को इस चुनाव में उसके अध्यक्ष की हार के रूप में एक झटका भी लगा।
प्रदेश अध्यक्ष वी सामीनाथन को लावसपेट से कांग्रेस के उम्मीदवार एम वैथीनाथन के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने यहां की 14 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उनमें से दो ही जीत का स्वाद चख सके। कांग्रेस के सहयोगी द्रविड़ मुनेत्र कषगम को छह सीटों पर जीत मिली। छह निर्दलीय उम्मीदवारों को भी चुनाव में जीत हासिल हुई है। केंद्र शासित प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका है जब छह निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की।