राकांपा, शिवसेना में विभाजन के बाद भाजपा की साख प्रभावित हुई है लेकिन एमवीए एकजुट है : राउत

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 04, 2023

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जिस तरह से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना और शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) में विभाजन कराया, उससे भाजपा की साख खत्म हो गई है। उन्होंने कहा कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) राकांपा में संकट की पृष्ठभूमि में ‘‘कठिन समय में’’ एकजुट है और सभी चुनाव मिलकर लड़ेगा। राउत ने कहा कि शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने पार्टी के पदाधिकारियों और नेताओं के साथ बैठक की, जहां समान नागरिक संहिता (यूसीसी) और लोकसभा चुनाव समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि ठाकरे इस महीने के अंत में बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में भाग लेंगे। राउत ने आरोप लगाया कि दोनों मामलों (शिवसेना और राकांपा के विभाजन) में ‘‘कार्य प्रणाली’’ समान थी।

राकांपा के वरिष्ठ नेता अजित पवार के उपमुख्यमंत्री के रूप में और पार्टी के आठ विधायकों के मंत्री पद की शपथ लेकर शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने के बाद पार्टी दो खेमों में बंट गयी है। राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राकांपा के भ्रष्टाचार की बात करते हैं और 24 घंटे बाद भाजपा राकांपा में विभाजन कराती है और उन नेताओं को शामिल कर लेती है जिन पर उसने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।’’ उन्होंने कहा कि देश और महाराष्ट्र राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहे हैं। बैठक के बारे में पूछे जाने पर राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘हमने यूसीसी और लोकसभा चुनावों और आगे की राह पर चर्चा की। एमवीए एकजुट है।’’ राउत ने कहा, ‘‘(यूसीसी का) मसौदा तैयार होने दीजिए। कोई भी इसका विरोध नहीं कर रहा है। मैं प्रस्तुति देते समय मौजूद था। कानून पूरे देश पर लागू होगा, किसी विशेष धर्म पर नहीं।

लेकिन इस मुद्दे पर बहस की जरूरत है। अनुच्छेद 370 हटने के चार साल बाद भी कश्मीर में अब तक कोई चुनाव नहीं हुआ है।’’ राउत ने पिछले साल ठाकरे के खिलाफ बगावत करने के लिए एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, ‘‘एकनाथ शिंदे और उनके नेतृत्व में विधायकों ने यह कहते हुए उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह किया था कि वे राकांपा के साथ गठबंधन के खिलाफ थे (जब एमवीए सत्ता में थी)। लेकिन रविवार (दो जुलाई) को वे अजित पवार और राकांपा के अन्य नेताओं के लिए ताली बजा रहे थे जब वे राजभवन में राज्य सरकार में शामिल हुए।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या अजित पवार के सरकार में शामिल होने के बाद शिंदे की क्षमता कम हो गई है, राउत ने कहा, ‘‘गुलामों की कोई हैसियत नहीं होती है। गुलाम तो गुलाम होता है। गुलाम कमजोर होते हैं। स्पष्ट बहुमत के बावजूद (भाजपा ने) अजित पवार को शामिल किया है। इसका मतलब है कि अब उनकी (शिंदे की) जरूरत नहीं है।

प्रमुख खबरें

No Foundation Makeup Tips: बिना फाउंडेशन के पाएं Alia Bhatt का मेकअप लुक, ट्राई करें ये हैक्स

VB-G RAM G Bill: शशि थरूर का केंद्र सरकार पर कटाक्ष: राम का नाम बदनाम ना करो

Shiksha Adhishthan Bill: धर्मेंद्र प्रधान बोले- विश्वविद्यालयों के नियमन, मानक निर्धारण और प्रत्यायन में एकरूपता लाने की आवश्यकता

Sansad Diary: G Ram G Bill लोकसभा में पेश, विपक्ष ने गांधी जी का नाम हटाने का किया विरोध