ब्रिटेन के एक व्हिसलब्लोअर का आरोप, कहा- अफगानिस्तान में अपने समर्थकों को तालिबान की दया पर छोड़ा

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 07, 2021

लंदन। ब्रिटेन के एक व्हिसलब्लोअर ने मंगलवार को आरोप लगाया कि विदेश कार्यालय ने काबुल के विद्रोहियों के कब्जे में जाने के बाद अफगानिस्तान में अपने अनेक सहयोगियों को तालिबान की दया पर छोड़ दिया, क्योंकि इन लोगों को बाहर निकालने का अभियान निष्क्रिय रहा और इसे मनमाने ढंग से चलाया गया। राफेल मार्शल ने एक संसदीय समिति को दिए बड़े सबूत में कहा कि ईमेल के माध्यम से मदद के लिए भेजे गए हजारों अनुरोध 21 अगस्त और 25 अगस्त के बीच पढ़े ही नहीं गए थे। विदेश कार्यालय के पूर्व कर्मचारी ने अनुमान व्यक्त किया कि ब्रिटेन के एक कार्यक्रम के तहत देश छोड़ने के लिए आवेदन करने वाले अफगान नागरिकों में से केवल पांच प्रतिशत लोगोंको ही मदद मिली। विदेश कार्यालय का यह पूर्व कर्मचारी मेल पर आने वाले संदेशों की निगरानी करने के कार्य से जुड़ा था।

व्हिसलब्लोअर ने विदेश मामलों की प्रवर समिति को लिखा कि इनबॉक्स में आमतौर पर किसी भी समय 5,000 से अधिक अपठित ईमेल होते थे, जिनमें अगस्त की शुरुआत से अनेक अपठित ईमेल शामिल थे। उन्होंने लिखा, ‘‘ये ईमेल हताशा भरे और जरूरी थे। मैं ऐसे कई शीर्षक देखकर दहल गया जिनमें लिखा था...कृपया मेरे बच्चों को बचाओ। संबंधित संकट से निपटने संबंधी अभियान के बाद न्याय सचिव बनाए गए ब्रिटेन के पूर्व विदेश सचिव डॉमिनिक राबने उस दौरान के अपने कार्यों का बचाव किया। उन्होंने बीबीसी से कहा, कुछ आलोचना जमीनी तथ्यों से हटकर लगती है। तालिबान के कब्जे के बाद दुनियाभर में अप्रत्याशित अभियानगत दबाव था।’’ इस साल 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान का कब्जा होने के बाद लगभग समूचे अफगानिस्तान पर उसका नियंत्रण हो गया था जिसके बाद हजारों लोग देश छोड़ने को बेताब हो उठे थे। अमेरिका और उसके सहयोगियों ने अफगानिस्तान में अपने सहयोगी रहे लोगों को निकालने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया था और इस दौरान भीषण अफरातफरी के दृश्य दिखे थे।

प्रमुख खबरें

Pakistan के प्रधानमंत्री ने रियाद में आईएमएफ प्रमुख से नए ऋण कार्यक्रम पर की चर्चा

Arvinder Singh Lovely की बगावत से मुश्किल में फंस सकती है कांग्रेस, इस पार्टी के लिए भी परेशानी

Rajnath Singh और Smriti Irani आज करेंगे नामांकन, रोड शो में भाजपा के कई बड़े नेता भी होंगे शामिल

PM Modi पर चुनावी बैन की याचिका पर HC में आज होगी सुनवाई, छह साल रोक लगाने की मांग