By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jan 28, 2019
जयपुर। अंडाशय के कैंसर के खिलाफ मुश्किल जंग जीतने वाली अभिनेत्री मनीषा कोइराला ने रविवार को कहा कि इस खतरनाक बीमारी ने उन्हें एक इंसान के तौर पर बदल दिया था और अब वह ज्यादा दयालु हो गई और जिंदगी तथा सेहत को ज्यादा महत्व देती हैं। नेपाल से ताल्लुक रखने वाली 48 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा कि कैंसर के बारे में खुलकर बात करना बहुत महत्वपूर्ण है।उन्होंने कहा कि कैंसर ने उन्हें दयालु, विनम्र बनाया और उन्हें सिखाया कि ‘‘हम सभी एक-दूसरे से जुड़े और बंधे हुए हैं।’’
उन्होंने जयपुर साहित्य महोत्सव के इतर कहा, ‘‘मैंने अपनी जिंदगी को हल्के में लिया। मैंने अपनी सेहत को नजरअंदाज किया इसलिए कैंसर मेरे लिए सीख बनकर आया । अब मैं अपने से ज्यादा अपनी जिंदगी को महत्व देती हूं, परिवार को प्यार करती हूं, अपने स्वास्थ्य को अहमियत देती हूं क्योंकि मुझे पता चल गया कि अगर कोई सेहतमंद नहीं है तो वह जिंदगी के किसी भी पहलू का मजा नहीं उठा सकता।’’ मनीषा ने अपनी किताब ‘‘हील्ड : हाउ कैंसर गेव मी ए न्यू लाइफ’’ पर भी चर्चा की जिसकी शुरुआत ‘‘मैं मरना नहीं चाहती’’ वाक्य के साथ होती है।मनीषा को साल 2012 में कैंसर हुआ था।
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उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं बीमार थी तो मैं सकारात्मक कहानियां तलाश कर रही थी। मुझे अभिनेत्री लीजा रे और क्रिकेटर युवराज सिंह के अलावा ज्यादा कहानियां नहीं मिल पाई जिन्होंने कैंसर से सफलतापूर्वक जंग लड़ी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैंने फैसला किया कि जब मैं ठीक हो जाऊंगी तो मैं लोगों के साथ अपनी कहानी साझा करुंगी। मुझे यह भी लगता है कि साझा करने से सिर और दिल का बोझ कम होता है इसलिए मैंने किताब लिखी।’’