एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट बनना चाहते हैं तो यह रहे आपके लिए टिप्स

By वरूण क्वात्रा | Jul 03, 2018

आज के समय में लोग जिस प्रकार का जीवन व्यतीत कर रहे हैं उसके कारण वे बहुत सी बीमारियों का घर बनते जा रहे हैं। अमूमन देखने में आता है कि अपनी बीमारियों का इलाज करने के लिए लोग दवाइयों पर निर्भर रहते हैं और लंबे समय तक दवाइयों का सेवन आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित होता है। ऐसे में अगर आप लोगों की बीमारी का इलाज बिना दवाई के ही प्राकृतिक तरीके से करना चाहते हैं तो आप बतौर एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट बनकर ऐसा कर सकते हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें आप पैसे के साथ−साथ लोगों की दुआएं भी कमाते हैं। 

 

क्या होता है काम

एक्यूप्रेशर थेरेपी भी एक्यूपंचर की तरह ही एक वैकल्पिक हीलिंग तकनीक है, लेकिन जहां एक्यूपंचर तकनीक में सुईयों का प्रयोग किया जाता है, वहीं एक्यूप्रेशर में थेरेपिस्ट किसी भी तरह की सुई का इस्तेमाल नहीं करता। एक एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट का मुख्य काम शरीर के विभिन्न बिन्दुओं पर दबाव डालकर अपने क्लाइंट को रोग से मुक्ति दिलाता है। वह अपने काम के दौरान किसी भी तरह की दवाई का प्रयोग नहीं करता, बल्कि रोग का इलाज करने के लिए शरीर के किसी खास प्वाइंट पर उंगली की मदद से प्रेशर डालता है। इस प्रेशर के बाद शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है और धीरे−धीरे शरीर के उस हिस्से का दर्द कम हो जाता है। एक्यूप्रेशर की मदद से सिरदर्द व माइग्रेन से लेकर मानसिक तनाव, पीठ दर्द, साइनस की समस्याएं, आंखों, ठंड, फ्लू, अस्थमा, मधुमेह, रक्तचाप, गठिया, एलर्जी, गर्दन का दर्द, अल्सर दर्द, स्पोंडिलिटिस, ऑस्टियोआर्थराइटिस, स्लिप डिस्क, अनिद्रा, थकान, अपचन, मस्तिष्क, टेनिस एल्बो के दर्द को आसानी से दूर किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त विभिन्न एथलेटिक्स जोड़ों, ऊतकों, हड्डियों और मांसपेशियों व अन्य कई शारीरिक समस्याओं के इलाज के लिए भी एक्यूप्रेशर का उपयोग करते हैं।

 

स्किल्स

एक बेहतरीन एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट को सबसे पहले तो सिर से लेकर पैर तक शरीर में मौजूद विभिन्न प्वाइंट्स के बारे में सही तरह से जानकारी होनी चाहिए। उसे यह मालूम होना चाहिए कि शरीर के किस बिन्दु पर दबाव देने से आपके शरीर का कौन सा हिस्सा प्रभावित होता है। आपको बता दें कि एक्यूप्रेशर में शरीर में लगभग 1000 प्वाइंट्स के बारे में बताया गया है। एक एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट को इन सभी प्वाइंट्स के बारे में पर्याप्त रूप से जानकारी होनी चाहिए। इसके अतिरिक्त आपमें अपने कार्य के प्रति लगन, ईमानदारी, धैर्य व संवेदनशीलता जैसे गुणों का होना भी बेहद आवश्यक है, तभी आप इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

 

कोर्स

एक एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट बनने के लिए आप 12वीं के बाद एक्यूप्रेशर प्रोग्राम में पहले ग्रेजुएशन करें। इसके बाद आप पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स भी कर सकते हैं। वैसे आजकल कुछ संस्थान एक्यूप्रेशर में सर्टिफिकेट कोर्स भी चलाते हैं, जिनमें शरीर के इन प्वाइंट्स के बारे में जानकारी दी जाती है।

 

संभावनाएं

एक एक्यूप्रेशर थेरेपिस्ट विभिन्न स्पा, क्लीनिक्स, वेलनेस सेंटर, हॉस्पिटल आदि में जॉब की तलाश कर सकता है। इसके अतिरिक्त कुछ अनुभव के बाद आप खुद का क्लीनिक खोलकर भी लोगों की सेवा कर सकते हैं।

 

आमदनी

जो छात्र इस क्षेत्र में कदम रखने का मन बना रहे हैं, वे शुरूआती दौर में आसानी से 25 से 30 हजार रूपए प्रतिमाह कमा सकते हैं। समय के साथ अनुभव बढ़ने पर आपकी आमदनी भी बढ़ती है। इसके अतिरिक्त अगर आपका खुद का क्लीनिक है, तो आपकी आमदनी आपके क्लाइंट्स की संख्या पर निर्भर करेगी।

 

प्रमुख संस्थान-

एक्यूप्रेशर हेल्थ मार्ट, विभिन्न केन्द्र

नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एक्यूप्रेशर रिसर्च, ट्रेनिंग एंड ट्रीटमेंट, चंडीगढ़

सुजोक एक्यूपंक्चर और एक्यूप्रेशर, नई दिल्ली

एक्यूप्रेशर रिसर्च, ट्रेनिंग एंड ट्रीटमेंट संस्थान, इलाहाबाद

उत्तरांचल इंस्टीट्यूट एक्यूप्रेशर और अल्टरनेटिव मेडिसिन, देहरादून

एक्यूपंक्चर कैम थेरेपी इंस्टीट्यूट, देहरादून

एक्यूप्रेशर हेल्थ केयर इंडिया, रायपुर  

एक्यूप्रेशर संस्थान, जोधपुर

 

-वरूण क्वात्रा

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