Mohd Hamid Ansari Birthday: आज 87वां जन्मदिन मना रहे हैं मो. हामिद अंसारी, ऐसे तय किया विदेश सेवा से लेकर उपराष्ट्रपति तक का सफर

By अनन्या मिश्रा | Apr 01, 2024

आज यानी की भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति और भारतीय अल्पसंख्यक आयोग के भूतपूर्व अध्यक्ष मोहम्मद हामिद अंसारी आज यानी की 01 अप्रैल को अपना 87वां जन्मदिन मना रहे हैं। वह भारत के 14वें उपराष्ट्रपति निर्वाचित हुए थे। बता दें कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बाद हामिद अंसारी दूसरे ऐसे व्यक्ति बनें, जो लगातार दूसरी बार इस पद के लिए निर्वाचित किए गए। आइए जानते हैं उनके बर्थडे के मौके पर मो. हामिद अंसारी के जीवन से जुड़े कुछ रोचक बातों के बारे में।


जन्म और शिक्षा

बता दें कि 01 अप्रैल 1937 को मो. हामिद अंसारी का जन्म हुआ था। उन्होंने अपनी शुरूआती शिक्षा पूरी कर यूपी के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में बीए और एमए की डिग्री पूरी की। वहीं साल 1961 में उन्होंने भारतीय विदेश सेवा में प्रवेश किया और करीब चार दशकों तक सेवा की। 


राजनीतिक करियर

मो. अंसारी एक भारतीय राजनीतिज्ञ और सेवानिवृत्त विदेश सेवा अधिकारी हैं। वह साल 2007 से लेकर 2017 तक राज्यसभा के 12वें अध्यक्ष और भारत के 12वें उपाध्यक्ष थे। साल 1961 में वह IFS में शामिल हुए। करीब 38 साल लंबे राजनीतिक करियर में मो. अंसारी ने अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, ईरान और सऊदी अरब में भारतीय राजदूत के तौर पर कार्य किया। इसके अलावा साल 1993 और 1995 के बीच उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के तौर पर भी काम किया। मो. अंसारी को साल 2000 से 2002 तक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का कुलपति भी नियुक्त किया गया था। 


साल 2003 से 2005 तक जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में भी मो. अंसारी विजिटिंग प्रोफेसर के तौर पर जुड़े रहे। इसके बाद साल 2006 से 2007 तक वह राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रहे। वहीं मोहम्मद हामिद अंसारी साल 2007 को देश के उपराष्ट्रपति बने और राज्यसभा के पदेन सभापति हुए। फिर साल 2012 को एक बार फिर वह उपराष्ट्रपति के तौर पर नियुक्त हुए। बता दें कि राज्यसभा के सभापति के रूप में मो. हामिद अंसारी ने कई बड़े बदलाव किए थे।


उपलब्धियां और विवाद

भारत सरकार ने साल 1984 में हामिद अंसारी को पद्मश्री से सम्मानित किया था। इसके अलावा उन्हें विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा अलग-अलग उपाधियों से सम्मानित किया है। वहीं साल 2002 में हुए गुजरात दंगों के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने और सदभावना के लिए अंसारी की भूमिका के लिए सराहा जाता है। उनके द्वारा लिखी गई किताबें भी मार्केट में मौजूद हैं। अक्सर मुस्कुराते रहने वाले हामिद अंसारी का विवादों से भी पुराना नाता रहा है। उनके द्वारा मुसलमानों को लेकर कही गईं बातों पर देश में खूब विवाद हुआ था। वहीं देश में धर्म के आधार पर अलग करने की प्रवृत्ति वाली बातकर नया विवाद शुरू हुआ था।

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