Corona Virus In India: केंद्र ने राज्यों को दी कंट्रोल रूम बनाने की सलाह, अस्थायी अस्पताल स्थापित करने को कहा

By अभिनय आकाश | Jan 02, 2022

भारत में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ से जुड़े अब तक 1,525मामले सामने आए हैं। संक्रमण के ये मामले 23 राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों में सामने आए हैं। वहीं देश में कोरोना के बढ़ते मामलों और ओमिक्रॉन के केसों में इजाफा से तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार एक्शन मोड में आ गई है। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखकर अस्थायी अस्पताल बनाने को कहा है। राज्य हल्के से मध्यम लक्षणों वाले रोगियों के लिए होटल आवास का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। अस्पतालों में बेड बढ़ाने और अपनी ऑक्सीजन उपलब्धता की जांच करने के लिए भी कहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने पत्र में लिखा है कि तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामले तीसरी लहर की ओर इशारा कर रहे हैं। 

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कोविड डेडिकेटेड हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्टर की समीक्षा करने की सलाह 

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में समय पर और तेजी से सुधार के महत्व पर फिर से जोर देना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि यह तब और भी महत्वपूर्ण हो जाता है जब मामलों में अचानक वृद्धि हो रही है। तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए मामलों में संभावित वृद्धि से निपटने के लिए, केंद्र ने राज्यों से स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे की उपलब्धता बढ़ाने के वास्ते अस्थायी अस्पतालों का निर्माण शुरू करने को कहा है। भूषण ने कहा, ‘‘यह डीआरडीओ और सीएसआईआर के साथ-साथ निजी क्षेत्र, निगमों, गैर सरकारी संगठनों आदि के समन्वय के साथ किया जा सकता है। इससे अस्थायी अस्पतालों के तेजी से निर्माण की प्रक्रिया में मदद मिलेगी।’’  

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मामलों की निगरानी के लिए कंट्रोल बनाने की सलाह 

केंद्र की तरफ से पत्र में कहा गया है कि बड़ी संख्या में सकारात्मक मामलों में मरीजों को घरों पर होम आइसोलेशन में रखने की स्थिति वाले हो सकते हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है कि सभी राज्य अपने ‘होम आइसोलेशन’ प्रोटोकॉल और जमीनी स्तर पर इसके वास्तविक कार्यान्वयन की निगरानी करें। उन्होंने कहा, ‘‘सभी होम आइसोलेशन मामलों की निगरानी के लिए विशेष टीमों का गठन किया जाना चाहिए, कॉल सेंटर / नियंत्रण कक्ष को ऐसे रोगियों की निगरानी के वास्ते सहायता करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसे सभी मामलों को समर्पित एम्बुलेंस के माध्यम से एक उपयुक्त स्वास्थ्य केन्द्र में स्थानांतरित किया जा सके। 

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