केंद्र सरकार गरीबों से भोजन छीनने के लिए वीबी-जी राम जी अधिनियम लाई: CM Mann

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 31, 2025

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने “गरीबों से भोजन छीनने” के लिए वीबी-जी राम जी कानून पारित किया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार वंचित लोगों के “अधिकारों पर डाका” नहीं डालने देगी।

मान ने नए ‘विकसित भारत-रोजगार गारंटी आजीविका मिशन-ग्रामीण’ (वीबी-जी राम जी) विधेयक को 14 घंटे के अंदर संसद में पारित कराने की कोशिशों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इस अधिनियम ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की आत्मा को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।

पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पारित वीबी-जी राम जी अधिनियम का विरोध करने के लिए मंगलवार को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया।

वीबी-जी राम जी अधिनियम ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में पारित किए गए मनरेगा की जगह ली है। मान ने सत्र के दौरान कहा कि नए अधिनियम का उद्देश्य “दलितों, महिलाओं और सबसे गरीब परिवारों से भोजन, रोजगार व सम्मान छीनना है।”

उन्होंने कहा,“मनरेगा को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने सावधानीपूर्वक तैयार किया था। यह वर्षों की चर्चा के बाद पेश किया गया था। वहीं, वीबी-जी राम जी अधिनियम को संसद में कुछ ही घंटों में पारित कर दिया गया।”

उन्होंने केंद्र सरकार को जनविरोधी नीतियों को अपनानेके प्रति आगाह किया और कहा कि ऐसा करने पर पंजाब के लोग केंद्रीय नेताओं को उनके गांवों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देंगे। उन्होंने कहा, “हम किसी भी हद तक संघर्ष करेंगे। हम गरीबों के अधिकारों पर डाका डाले जाने को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

प्रमुख खबरें

India-Pakistan Conflict | हमारा झगड़ा, हमारा समाधान! चीन के मध्यस्थता दावे पर भारत का कड़ा रुख, तीसरे की भूमिका स्वीकार नहीं

Ranveer Singh की Dhurandhar का बड़ा नुकसान! मिडिल ईस्ट बैन ने रोके 90 करोड़, ओवरसीज डिस्ट्रीब्यूटर ने खोली पोल

Karnataka Politics | Siddaramaiah के CM कार्यकाल का ऐतिहासिक रिकॉर्ड, नाटी चिकन दावत से जश्न की तैयारी!

जहरीली हवा और कोहरे का डबल अटैक, दिल्ली-NCR में नए साल का धुंधला स्वागत, जीरो विजिबिलिटी, फ्लाइट ऑपरेशन ठप