अखिलेश यादव ने सरकार के फैसले पर उठाया सवाल,पीपीएफ ब्याज घटाने के फैसले को वापस लेने की मांग की

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 02, 2021

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार से पीपीएफ (लोक भविष्य निधि) और छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने के फैसले को हमेशा के लिए वापस लेने की मांग की। वहीं, भाजपा नेताओं ने अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए उन्‍हें पूरी जानकारी रखने की नसीहत दी है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने शुक्रवार को ट्वीट किया, भाजपा सरकार ने पीपीएफ, बुजुर्गों, कन्याओं व आम जनता की छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर और घटाने का षड्यंत्र रचकर देशभर के बुजुर्गों, महिलाओं व आम लोगों में ये डर बैठा दिया है कि उनकी जमा राशि पर ब्याज शून्य तक हो सकता है। फिर जीवन यापन कैसे होगा। यादव ने मांग की, भाजपा सरकार हमेशा के लिए ये फैसला वापस ले।

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अखिलेश यादव के इस ट्वीट के घंटे भर के भीतर ही भाजपा नेताओं ने पलटवार शुरू कर दिया। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक और प्रदेश के मंत्री एवं प्रवक्ता डॉक्टर चंद्रमोहन ने अलग-अलग ट्वीट में यादव पर निशाना साधते हुए तीखा तंज किया। डॉक्टर चंद्रमोहन ने अपने ट्वीट में कहा, इसी से पता चलता है कि आप ऑस्ट्रेलिया में पढ़े हैं। थोड़ा बहुत भारत में भी पढ़ लिख लिया करिए। अरे भाई, यह कल ही साफ हो गया था कि ब्याज दर जैसे थी वैसे ही रहेगी, फिर भी ‘पप्पू’ के भाई क्यों बन रहे हो।

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भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्‍यक्ष और एमएलसी विजय बहादुर पाठक ने शुक्रवार को अखिलेश के ट्वीट को संलग्न करते हुए ट्वीट किया, जनता, समाज की ओर से विमुख होने के बजाए जानकारी रखें। अपनी पार्टी के आईटी के कार्यकर्ताओं का ही अनुसरण कर लेते। लगता है ‘दो लड़कों’ के साथ वाला असर अभी गया नहीं। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने 2017 का विधानसभा चुनाव गठबंधन के साथ लड़ा था तब ‘दो लड़कों’ (राहुल गांधी और अखिलेश यादव) का नारा चर्चा में था। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में कटौती करने का फैसला किया था, लेकिन बृहस्पतिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट कर इस फैसले को वापस लेने की जानकारी दी। बुधवार को यह खबर आई थी कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटा दी गई है लेकिन अब यह फैसला वापस ले लिया गया है।

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