By अंकित सिंह | Sep 20, 2025
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को चमोली जिले के आपदा प्रभावित नंदानगर क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्यों का स्थलीय निरीक्षण किया और प्रभावित लोगों से मुलाकात की। चमोली में बादल फटने से सात लोगों की मौत हो गई, जबकि 11 लोग घायल हो गए, जिनका स्थानीय अस्पतालों में इलाज चल रहा है। चमोली के आपदा प्रभावित नंदानगर में अपने स्थलीय निरीक्षण के दौरान, मुख्यमंत्री ने पीड़ितों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने पीड़ितों को यह भी आश्वासन दिया कि संकट की इस घड़ी में सरकार उनके साथ मजबूती से खड़ी है।
मुख्यमंत्री चमोली के नंदानगर क्षेत्र में आपदा प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करने कुरुद हेलीपैड पर पहुँचे। एक दिन पहले, उत्तराखंड के राज्य आपदा एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने गुरुवार को चमोली में बादल फटने के बाद हुए नुकसान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बादल फटने के बाद 45 इमारतें और 15 गौशालाएँ प्रभावित हुईं और 28 जानवर लापता बताए गए, जिनमें से चार की मौत हो गई।
अधिकारी ने बताया कि दो लोग लापता हैं। उन्होंने बताया कि ज़िला मजिस्ट्रेट, एसपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, स्थानीय पुलिस और चिकित्सा दल मौके पर तलाशी अभियान चला रहे हैं। उन्होंने कहा, "दो लोग अभी भी लापता हैं और ज़िला मजिस्ट्रेट, एसपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, स्थानीय पुलिस और चिकित्सा दल मौके पर तलाशी अभियान चला रहे हैं। प्रभावितों को आश्रय और आवश्यक आपूर्ति प्रदान करने के प्रयास किए जा रहे हैं, कुछ सामान हेलीकॉप्टर द्वारा पहुँचाया जा चुका है। प्राप्त मांगों और आवेदनों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।"
चमोली पुलिस के अनुसार, नंदानगर में बचाव अभियान शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और स्थानीय पुलिस की टीमें कुंतारी और धुर्मा गाँवों में मलबे में फंसे लोगों का पता लगाने और उन्हें बचाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि बुधवार रात उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर घाट इलाके में बादल फटने से भारी तबाही हुई और कई घरों को नुकसान पहुँचा।