By Kusum | Aug 24, 2025
भारत के सीनियर खिलाड़ी चेतेश्वर पुजारा ने रविवार, 24 अगस्त को क्रिकेट के सभी फॉर्म से संन्यास की घोषणा कर दी है। राहुल द्रविड़ के बाद टीम इंडिया की द वॉल कहलाने वाले पुजारा ने अपना आखिरी मुकाबला 2023 में खेला था। टीम इंडिया में वापसी की आस लगाए बैठे पुजारा के क्रिकेट को अलविदा कह दिया। जिससे भारतीय क्रिकेट में एक और युग का अंत हो गया।
पुजारा ने सोशल मीडिया के जरिए अपने संन्यास की जानकारी दी। उन्होंने अपने करियर में कई ऐसी पारियां खेली जो उन्हें राहुल द्रविड़ के बाद वाकई भारतीय क्रिकेट की द वॉल बनाता है। यहां देखें उनकी टॉप-5 पारियां---
इंग्लैंड के खिलाफ दिखाया दम
साल 2012 में अहमदाबाद में इंग्लैंड के खिला खेले गए टेस्ट मैच में पुजारा ने नाबाद 206 रन बनाकर सभी का ध्यान खींचा और बताया कि उनमें नंबर-3 पर द्रविड़ की जगह लेने की काबिलियत है। ये उनका टेस्ट में पहला दोहरा शतक था। इस पारी में उन्होंने 389 गेंदों का सामन किया और 21 चौके लगाए। विकेट पर तकरीबन करीब साढ़े आठ घंटे बिताने के बाद पुजारा के शरीर पर तो थकान नहीं आई थी, लेकिन उन्होंने इंग्लैंड के गेंदबाजों को जरूर थका दिया था। भारत ने इस पारी के दम पर 521/8 का स्कोर बनाया और पारी घोषित की। दूसरी पारी में भी पुजारा ने नाबाद 41 रन बनाए। भारत ने ये मैच 9 विकेट सेजीता। इस मैच में पुजारा का नाम टेस्ट विशेषज्ञ के रूप में स्थाफित हो गया।
रांची में छाए पुजारा
साल 2017 में जब ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत दौरे पर थी। उस दौरान चौथा टीम रांची में खेला गया था। इस टेस्ट में पुजारा ने 525 गेंदों का सामना करते हुए 202 रन बनाए जो भारत के लिए टेस्ट की एक पारी में सबसे ज्यादा गेंदे खेलने का रिकॉर्ड है। इस पारी में 21 चौके और एक छक्का शामिल था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस मैच में भारत दबाव में था लेकिन पुजारा की मैराथन पारी ने न केवल मैच ड्रॉ कराया बल्कि भारत को सीरीज में बनाए ऱखा।
जोहान्सबर्ग में किया कमाल
साउथ अफ्रीका में रन बनाना काफी मुश्किल होता है। वो भी तब जब आपके सामने कगिसो रबाडा,वार्नोन फिलेंडर जैसे गेंदबाज हो। साल 2018 में टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका का दौरा किया था। उस दौरान जोहान्सबर्ग में खेले गए टेस्ट मैच में मुश्किल पिच पर पुजारा ने नाबाद 153 रनों की पारी खेली थी जो उनकी सबसे बेहतरीन पारियों में से एक है। भारत ने केवल 7 रन पर दो विकेट गंवा दिए थे और यहां से पुजारा ने खूंटा गाड़ा र 270 गेंदों का सामना करते हुए 21 चौके लगाए। उनकी इस पारी की बदौलत भारत ने पहली पारी में 307 रन बनाए और ये मैच जीत लिया। इस पारी में पुजारा की मुश्किल परिस्थितियों में रन बनाने की काबिलियत को साबित करते हुए घरेलू जमीन पर अफ्रीकी टीम को खूब परेशान किया।
ऑस्ट्रेलिया में रचा इतिहास
साल 2018 में विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी। ये सीरीज भारत ने अपने नाम की थी और 71 साल में पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज अपने नाम की थी। इसमें पुजारा का योगदान एक यादगार पारी के तौर पर कोई भूल नहीं सकता। इस दौरे पर एडिलेड में टेस्ट में पुजारा ने 246 गेंदों में 123 रन बनाए। भारत ने शुरुआती दो विकेट जल्दी खो दि लेकिन पुजारा ने क्रीज पर डटकर बल्लेबाज की। इस दौरान उन्होंने अपनी पारी में सात चौके और दो छक्के मारे। उनकी इस पारी में भारत को पहली पारी में 250रन तक पहुंचाया। जिसके कारण भारत ये मैच 31 रनों से जीता। ये पारी 2018-19 बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत की ऐतिहासिक जीत की नींव रखने वाली थी।
शरीर पर खाईं गेंदें
साल 2021 में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी। विराट कोहली बच्चे के जन्म के कारण एक टेस्ट मैच खेलकर वापस लौट आए। टीम इंडिया मुश्किल में थी। उस दौरान सिडनी में टेस्ट मैच अगर भारत हार जाता तो सीरीज जीतना मुश्किल हो जाता। इस मैच में चेतेश्वर पुजारा 77 रनों की पारी खेली जिसमें 205 गेंदों का सामना करते हुए उन्होंने 12 चौके लगाए। बेशक ये शतक नहीं था लेकिन इसका असर शतक से ज्यादा था। कंगारू टीम ने पहली पारी में 338 रन बनाए थे और भारत दबाव में था।
इसके बाद पुजारा ने हनुमा विहारी के साथ मिलकर पांचवें विकेट के लिए 148 रनो की साझेदारी की। इस दौरान उन्होंने कई गेंदें अपने शरीर पर खाईं लेकिन परेशान नहीं हुए। उनकी धैर्यपूर्ण बल्लेबाजी ने ऑस्ट्रेलिया गेंदबाजों को थकाया और भारत को 407 रनों तक पहुंचाया। इस पारी ने मैच ड्रॉ कराने में अहम भूमिका निभाई जिससे भारत की सीरीज में उम्मीदें बरकरार रहीं। इसके बाद टेस्ट मैच में भी पुजारा ने अर्धशतक जमा भारत को मैच और सीरीज जीतने में मदद की।