मदुरै। ‘आजाद भारत का पहला चरमपंथी एक हिंदू था’ अपने इस बयान पर विवादों में घिर गये मक्कल नीधि मैयम (एमएनएम) के संस्थापक कमल हासन ने बुधवार को कहा कि उन्होंने वही कहा है जो एक ऐतिहासिक सच था। उनकी पार्टी ने दावा किया कि रविवार को उनके दिये गये बयान को ‘संदर्भ से पूरी तरह हटाकर’ पेश किया गया। हासन ने कहा कि सच्चाई तीखी होगी और तीखापन औषधि का रूप ले सकती है और लोगों की रूग्णता सही कर सकती है। रविवार के बयान के बाद पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए फिल्मी दुनिया से राजनीति में उतरे हासन ने अपने विरोधियों से बस ‘वैध आरोप’ लगाने को कहा है और पूछा कि राजनीति में कदम रखने के बाद क्या वह समाज के बस एक ही तबके की बात करें।
रविवार के बयान के चलते हासन पर अदालत और पुलिस में मामले दर्ज किये गये हैं। हासन ने मदुरै के समीप तिरूपुरकुंदरम में उप चुनाव के प्रचार के दौरान कहा, ‘‘मैं अरवाकुरिचि में जो कुछ कहा, उससे वे नाराज हो गये। मैंने जो कुछ कहा है वह ऐतिहासिक सच है। मैं किसी को झगड़े के लिए नहीं उकसाता।’’ उन्होंने कहा कि सच विजयी होता है न कि जाति और धर्म, तथा ‘‘मैने ऐतिहासिक सच कहा है।’’ हासन ने कहा, ‘‘चरमपंथी शब्द का अर्थ समझिए। मैं (गोडसे के खिलाफ) आतंकवादी या हत्यारा शब्द का इस्तेमाल कर सकता था । हम सक्रिय राजनीति में हैं, कोई हिंसा नहीं होगी।’’
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उन्होंने आरोप लगाया कि उनके भाषण को चुनिंदा ढंग से संपादित किया गया। उन्होंने यह कहते हुए विरोधियों पर निशाना साधा कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप के लिए हमारे मीडिया के दोस्त भी जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि क्या उनके आलोचक उनके बयान में ऐसा कुछ दिखा सकते हैं जो हिंसा भड़काए और कहा कि उनके खिलाफ लगे आरोपों से उन्हें पीड़ा पहुंची है। उन्होंने कहा, ‘‘वे कह रहे हैं कि मैंनें हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाया। मेरे परिवार में भी कई हिंदू हैं। मेरी बेटी भी हिंदू धर्म को मानती है।’’ हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया क्योंकि उनकी दो बेटियां हैं। हासन ने एक विवाद को जन्म देते हुए रविवार को कहा था कि आजाद भारत का पहला चरमपंथी हिंदू था। उनका इशारा नाथूराम गोडसे की ओर था जिसने महात्मा गांधी की हत्या की।