रंग-रंगीली होली आई (कविता)

By अमृता गोस्वामी | Mar 11, 2017

होली आई होली आई,
रंग रंगीली होली आई।

चेहरे सबके रंगे-रंगे हैं,

होली पर सब संग मिले हैं।


चाचा-भतीजा, भैया-भाभी,  

सब के हाथ है रंग-पिचकारी। 


नीले, पीले, हरे, गुलाबी,  

होली कितने रंगों वाली।


भूलकर सारे भेद-भाव,  

खेल रहे हैं सब होली साथ ।


गुझियों सी मीठी होली है,  

मेल बढ़ाती प्यारी होली है। 

 

- अमृता गोस्वामी 

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