कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लिए ऐसे चुना गया Mascot और Motto, 5000 से ज्यादा खिलाड़ी लेंगे हिस्सा

By अनुराग गुप्ता | Jul 25, 2022

नयी दिल्ली। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 का आयोजन बर्मिंघम में हुआ है और इसकी शुरुआत 28 जुलाई से होने वाली है। ऐसे में कॉमनवेल्थ गेम्स में 72 देशों के 5,000 से ज्यादा खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। जिसमें भारत के 215 खिलाड़ी शामिल हैं, जो मजबूती के साथ मेडल के लिए अपनी दावेदारी पेश करेंगे। लेकिन इससे पहले हम आपको कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के लोगो, मोटो इत्यादि के बारे में जानकारी देने वाले हैं।

इसे भी पढ़ें: कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले मानसिक प्रताड़ना से जूझ रहीं बॉक्सर लवलीना बोरगोहेन, साझा किया अपना दर्द, BFI पर लगाए आरोप 

भारत ने ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में साल 2018 में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन करते हुए 66 पदक अपने नाम किए थे। जिसमें 26 गोल्ड, 20 सिल्वर और 20 ब्रांज मेडल शामिल हैं। इतना ही नहीं प्वाइंट टेबल में भारत को तीसरा स्थान मिला था। ऐसे में इस बार भारत की निगाहें अधिक से अधिक मेडल जीतने पर रहने वाली हैं।

क्या है कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 का मोटो ?

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 के मोटो (Motto) यानी की आदर्श वाक्य 'Games for Everyone' है। जिसका साधारण सा मतलब होता है कि सभी के लिए खेल। बर्मिंघम में होने वाले गेम्स के जरिए सभी खिलाड़ियों को एकजुट किया जा रहा है। कॉमनवेल्थ गेम्स में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हिस्सा लेंगे, जो विविधता, मानवता और अपने देश की विरासत को साझा करेंगे। इससे बढ़कर सभी खिलाड़ी एकजुटता और मजबूती के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे।

कौन हैं कॉमनवेल्थ गेम्स का Mascot ?

कॉमनवेल्थ गेम्स के आधिकारिक ट्विटर हैंडल में आप सभी को Mascot दिखाई देगा, जो बैल की तरह दिखता है और सभी से कॉमनवेल्थ गेम्स का समर्थन करने का अनुरोध कर रहा है। आपको बता दें कि Mascot को पेरी (Perry) कहा जाता है। यह एक प्रकार का बहुरंगी बैल है। वास्तव में पेरी का नाम बर्मिंघम के पेरी बर्र के नाम पर रखा गया है, जहां परिवर्तित अलेक्जेंडर स्टेडियम खेलों के उद्घाटन और समापन समारोह और एथलेटिक्स कार्यक्रमों की मेजबानी करेगा।

इसे भी पढ़ें: भारतीय टेबल टेनिस टीम के लिए आसान नहीं होगा बर्मिंघम में गोल्ड कोस्ट की बराबरी करना 

कॉमनवेल्थ गेम्स के Mascot के रूप में एक बैल को चुनने के पीछे जानवर के साथ गहरे लगाव की कहानी है। वेस्ट मिडलैंड्स के शहर में सदियों से बुल रिंग है, जिसमें ब्रांज की एक प्रतिष्ठित बैल संरचना है। पेरी को ग्रेटर मैनचेस्टर के बोल्टन की 10 वर्षीय एम्मा लू ने डिजाइन किया था, जिन्होंने Mascot बनाने के लिए एक राष्ट्रीय प्रतियोगिता जीती थी।

बैल को क्यों चुना गया ?

बीबीसी के साथ बातचीत में एक एम्मा लू ने बताया था कि मैंने बर्मिंघम में बुलरिंग के कारण एक बैल को चुना और मैंने हेक्सागोन का उपयोग करने का फैसला किया क्योंकि वे सबसे मजबूत आकार हैं और पूरी दुनिया एक दूसरे पर निर्भर है।

प्रमुख खबरें

Kitchen Hacks: किचन सुपरहीरो हैं नींबू के छिलके, बदबू, चिकनाई और जिद्दी दागों का होगा सफाया, जानें आसान उपाय

Hyderabad Famous Temple: तेलंगाना का अद्भुत वेंकटेश्वर मंदिर, 12 फुट की भव्य प्रतिमा और वास्तुकला का संगम

भारत के Halal Certification को Oman की मंजूरी, आस्था का धंधा करने वालों का खेल होगा खत्म

69 की उम्र में विदा हुए मलयालम फिल्म के दिग्गज कलाकार श्रीनिवासन! अभिनेता-निर्देशक का लंबी बीमारी के बाद निधन, भावुक हुआ इंडस्ट्री