चिंतन शिविर के बाद कांग्रेस की चिंता और बढ़ने वाली है, 6 जुलाई बनेगा शर्मनाक दिन, 1935 के बाद ऐसा होगा पहली बार

By अभिनय आकाश | May 18, 2022

चिंतन मनन के मामले में भारत काफी आगे रहा है। चिंतन से एक से बढ़कर एक आध्यात्मिक-सामाजिक सिद्धांत सामने आए हैं। किसी समस्या या दुविधा से निकलने का रास्ता भी चिंतन प्रदान करता है। भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी यानी कांग्रेस ऐसा ही चिंतन के लिए एक शिविर का आोजन राजस्थान के उदयपुर में किया। हाल के विधानसभा चुनावों में पार्टी उन सभी पांच राज्यों में हार गई, जहां चुनाव हुए थे और पंजाब में अपनी सत्ता आम आदमी पार्टी के हाथों गंवा बैठी है। ऐसे में सोनिया गांधी की तरफ से पार्ची कार्यकर्ताओँ से कर्ज चुकाने की बात कही जा रही है। लेकिन वर्तमान दौर के चुनाव परिणामों को देखें तो लगता है कि आजादी की लड़ाई में कांग्रेस की भूमिका को लेकर देश ने अब उसका कर्ज चुका दिया है और इससे काफी आगे बढ़ चुकी है। आजादी के दौर से लेकर लंबे वक्त तक देश का सबसे बड़ा सूबा उत्तर प्रदेश ग्रैंड ओल्ड पार्टी का गढ़ रही है। लेकिन वर्तमान दौर में वहीं कांग्रेस अपना अस्तित्व बचाने के लिए संघर्षत है। हाल ही में सपन्न हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी एक-एक सीट के लिए तरसती दिखी और 2 सीटों पर सफलता पाने में कामयाब हो पाई। कांग्रेस की मुफलिसी का आलम ये है कि अब विधान परिषद में कांग्रेस शून्य पर पहुंचने वाली है। 

इसे भी पढ़ें: कार्ति चिदंबरम के करीबी को CBI ने किया गिरफ्तार, वीजा भ्रष्टाचार केस में मंगलवार को हुई थी छापेमारी

साल 1935 यानी 87 सालों के बाद पहली बार ऐसा होगा, जब यूपी विधान परिषद में कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं होगा। वर्तमान दौर में कांग्रेस के एकमात्र सदस्य दीपक सिंह हैं जो 6 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं। उसके बाद कांग्रेस का कोई सदस्य नहीं रह जाएगा। दीपक सिंह जून 2016 में विधानपरिषद के लिए चुने गए थे। विगत 33 वर्षों में कांग्रेस विधानसभा में सिकुड़ती गई। इस बार हुए विधानसभा चुनाव में तो सदस्य संख्या के लिहाज से अपने सबसे निम्नतम स्थिति में पहुंच गई। उसके मात्र दो विधायक जीते और 2.5 फीसदी से भी कम मत मिले। इसका असर विधान परिषद में उसकी सदस्य संख्या पर पड़ना लाजिमी था। 

इसे भी पढ़ें: हार्दिक पटेल का कांग्रेस से इस्तीफा, पार्टी नेताओं पर लगाए बड़े आरोप, CAA-NRC को लेकर कही यह बात

वर्तमान में विधान परिषद में कांग्रेस के एकमात्र सदस्य दीपक सिंह बचे हैं और उनका कार्यकाल 6 जुलाई 2022 को समाप्त हो रहा है। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए निकट भविष्य में कांग्रेस के उच्च सदन में प्रतिनिधित्व की उम्मीद भी किसी को दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। सिंह जून 2016 में यूपी विधान परिषद के लिए चुने गए थे और उनका कार्यकाल समाप्त होने के साथ, उच्च सदन में कांग्रेस का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। कांग्रेस की राज्य की राजनीति में एक लोकप्रिय चेहरा, दीपक 1990 के दशक की शुरुआत में अपने कॉलेज के दिनों से ही पार्टी के कार्यकर्ता रहे हैं। 1935 के भारत सरकार अधिनियम द्वारा संयुक्त प्रांत ब्रिटिश भारत की परिषद 60 सदस्यों के साथ अस्तित्व में आई। इसे बाद में 1950 में यूपी विधान परिषद में बदल दिया गया। कांग्रेस 1935 से राज्य के उच्च सदन का हिस्सा थी।


प्रमुख खबरें

मुफ्त अनाज योजना से गुमराह न हो गरीब जनता, जनता के पैसे से दिया जाता है अनाज: Mayawati

वोट के जरिए अनुच्छेद-370 निरस्त करने पर अपनी नाखुशी जाहिर करें : Mehbooba Mufti

Mahindra XUV 3XO: लॉन्च हो गई महिंद्रा की ये धांसू SUV! जानें कीमत, फीचर्स सहित सबकुछ

Brahma Kumaris Godlywood Studio द्वारा निर्मित 3D एनिमेशन आध्यात्मिक फिल्म ‘The Light’ की भोपाल मे स्क्रीनिंग