By रेनू तिवारी | Oct 03, 2023
दिल्ली पुलिस की एक पूर्व महिला कांस्टेबल के लापता होने के दो साल बाद, पुलिस ने तीन लोगों को कथित तौर पर उसकी हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी, दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद पर तैनात सुरेंद्र सिंह (42) ने 28 वर्षीय महिला की कथित तौर पर हत्या कर दी थी क्योंकि उसने उससे शादी करने से इनकार कर दिया था। उस वक्त सिंह पीसीआर (पुलिस नियंत्रण कक्ष) वैन में सेवारत था। उन्होंने बताया कि सिंह के करीबी रिश्तेदार रविन (26) और राजपाल (33) ने अपराध को छिपाने में उसकी मदद की। अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने बुराड़ी के पुश्ता इलाके से पीड़िता के कंकाल के अवशेष बरामद किए और उन्हें डीएनए जांच के लिए भेजा ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये अस्थियां महिला की हैं या नहीं।
उत्तर प्रदेश पुलिस में उपनिरीक्षक पद पर चयन होने के बाद पीड़िता ने दिल्ली पुलिस से इस्तीफा दे दिया था। इस बीच वह यहां मुखर्जी नगर इलाके में ‘पेइंग गेस्ट’ के रूप में रह रही थी। महिला की गुमशुदगी की रिपोर्ट 20 अक्टूबर, 2021 को मुखर्जी नगर पुलिस थाने में दर्ज की गई थी। उसके परिवार ने आरोप लगाया कि वह आठ सितंबर, 2021 से लापता थी। विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव ने कहा पुलिस के प्रयासों के बावजूद पूर्व महिला कांस्टेबल का पता नहीं लगाया जा सका था। उन्होंने कहा कि पीड़िता की मां की शिकायत के आधार पर, जिन्हें संदेह था कि उनकी बेटी का अपहरण कर लिया गया है, 12 अप्रैल, 2023 को प्राथमिकी में अपहरण का आरोप जोड़ा गया। उन्होंने कहा कि इसके बाद दिल्ली पुलिस के आयुक्त ने मामले की गहन जांच का आदेश दिया। पुलिस ने पहले राजपाल को गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर रविन को भी गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी सिंह को आखिरकार 30 सितंबर को गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) ने कहा कि पूछताछ के दौरान सिंह ने पुलिस को बताया कि आठ सितंबर, 2021 को उसकी महिला के साथ तीखी बहस हुई थी, जिसके बाद वह उसे बुराड़ी पुश्ता ले गया और वहां उसने पहले उसका गला घोंटा और फिर उसे पुश्ता के पास एक नाले में डुबो दिया। यह यकीन दिलाने के लिए कि पीड़िता जीवित है, सिंह ने अपने बहनोई रविन की मदद ली। रविन अक्सर पीड़ित महिला के परिवार को अलग-अलग नंबर से फोन करता रहता था और उन्हें खुद का नाम अरविंद बताता था। रविन ने पीड़िता के परिवार को बताया था कि वह महिला से शादी कर चुका है। डीसीपी ने बताया कि जांच को गुमराह करने के लिए रविन ने पीड़िता के पहचान पत्रों की प्रतियां पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में विभिन्न जगहों पर छोड़ दी। उन्होंने कहा कि इसके बाद रविन ने इन जगहों से महिला के परिवार को बताया कि वह खुशी के साथ रह रही है।
मां ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की
दिल्ली पुलिस की पूर्व महिला सिपाही मोनिका यादव की मां ने उसकी कथित तौर पर हत्या करने वाले आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। पुलिस के मुताबिक, मोनिका यादव (28) की कथित तौर पर हत्या करने के सिलसिले में दिल्ली पुलिस के एक सिपाही, उसके बहनोई और एक अन्य साथी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। तीनों ने झूठे सुराग देकर मोनिका के परिवार को यह विश्वास भी दिलाया था कि वह जीवित है। मोनिका की मां ने बुलंदशहर से फोन पर बताया, ‘‘ मैं अपनी बेटी के बारे में जानने के लिए दर-दर भटक रही थी। ’’ मोनिका की मां ने कहा, ‘‘ मेरी छोटी बेटी ने कुछ महीने पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त से मिलने का फैसला किया। उन्होंने हमारी समस्या को समझा और उचित जांच का आश्वासन दिया। पुलिस ने अब आरोपी सिपाही (कॉन्स्टेबल) को गिरफ्तार कर लिया है। हम उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहते हैं। ’’
पुलिस के मुताबिक, आरोपी सुरेंद्र सिंह (42) मोनिका यादव का पीछा करता था और वह चाहता था कि मोनिका उससे शादी करे। जब मोनिका ने उसकी मांगें मानने से इनकार कर दिया, तो उसने पहले उसका गला घोंट दिया और बाद में शव को बुराड़ी के पुश्ता इलाके के पास एक नाले के पास दफना दिया। इस अपराध को छिपाने में उसके बहनोई रविन (26) और राजपाल (33) ने सुरेंद्र की मदद की थी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने बुराड़ी के पुश्ता इलाके से पीड़िता के कंकाल के अवशेष बरामद किए हैं और उन्हें डीएनए जांच के लिए भेजा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या वे मोनिका के हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस में उप-निरीक्षक के रूप में चयनित होने के बाद मोनिका यादव ने दिल्ली पुलिस से इस्तीफा दे दिया था। इस बीच, वह मुखर्जी नगर इलाके में पेइंग गेस्ट के रूप में रह रही थी, तभी वह रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गई थी। मुखर्जी नगर थाने में 20 अक्टूबर 2021 को मोनिका की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। बाद में मोनिका के परिवार के सदस्यों ने उसके बारे में जानने के लिये पुलिस आयुक्त से मुलाकात की थी। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने 30 सितंबर को आरोपी सिपाही को गिरफ्तार किया था। इस अपराध में मदद करने वाले दो लोगों को पुलिस ने इससे पहले गिरफ्तार किया था।