By अंकित सिंह | Aug 14, 2025
भारत शुक्रवार, 15 अगस्त को पूरे देशभक्ति के जोश के साथ अपना 79वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने की तैयारी कर रहा है। इस अवसर पर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू गुरुवार शाम को राष्ट्र के नाम अपना वार्षिक संबोधन दिया। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर यह राष्ट्रपति मुर्मू का चौथा संबोधन है। अपने संबोधन के शुरूआत में उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस, हर भारतीय बड़े उत्साह के साथ मनाता है। ये दिन हमें विशेष रूप से हमारे गौरवशाली भारतीय होने की याद दिलाते हैं।
- आज हमने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाया। विभाजन के कारण भयावह हिंसा देखी गई और लाखों लोग विस्थापित होने के लिए मजबूर किए गए। आज हम इतिहास की गलतियों के शिकार हुए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
- हमारे संविधान में ऐसे चार मूल्यों का उल्लेख है जो हमारे लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाए रखने वाले चार स्तंभ हैं। ये मूल्य हैं - न्याय, स्वतंत्रता, समता और बंधुता। ये हमारी सभ्यता के ऐसे सिद्धांत हैं जिन्हें हमने स्वाधीनता संग्राम के दौरान पुनः जीवंत बनाया। उन्होंने कहा कि भारत आत्मनिर्भर राष्ट्र बनने की राह पर है और पूरे आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।
- आज़ादी हासिल करने के बाद, हम ऐसे लोकतंत्र की राह पर चल पड़े जहाँ हर वयस्क को मताधिकार प्राप्त हुआ। दूसरे शब्दों में, हम भारत के लोगों ने, अपने भाग्य को खुद गढ़ने का अधिकार खुद को दिया... तमाम चुनौतियों के बावजूद, भारत के लोगों ने लोकतंत्र को सफलतापूर्वक अपनाया... हमारे लिए, हमारा संविधान और हमारा लोकतंत्र सबसे ऊपर है।
- पिछले वित्त वर्ष में 6.5 प्रतिशत की सकल-घरेलू-उत्पाद-वृद्धि-दर के साथ भारत, दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ने वाला देश है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में व्याप्त समस्याओं के बावजूद, घरेलू मांग में तेजी से वृद्धि हो रही है। मुद्रास्फीति पर नियंत्रण बना हुआ है। निर्यात बढ़ रहा है। सभी प्रमुख संकेतक, अर्थव्यवस्था की मजबूत स्थिति को दर्शा रहे हैं।
- सरकार, गरीबों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। जो लोग गरीबी रेखा से ऊपर तो आ गए हैं लेकिन मजबूत स्थिति में नहीं हैं, उनको भी ऐसी योजनाओं की सुरक्षा उपलब्ध है ताकि वे फिर से गरीबी रेखा से नीचे न चले जाएं।
- कश्मीर घाटी में रेल-संपर्क का शुभारंभ करना, एक प्रमुख उपलब्धि है। शेष भारत के साथ घाटी का रेल-संपर्क, उस क्षेत्र में व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देगा और नई आर्थिक संभावनाओं के द्वार खोलेगा। कश्मीर में, इंजीनियरिंग की यह असाधारण उपलब्धि, हमारे देश के लिए एक ऐतिहासिक mile-stone है।
- सरकार यह मानती है कि जीवन की बुनियादी सुविधाओं पर, नागरिकों का हक बनता है। 'जल जीवन मिशन' के तहत ग्रामीण घरों में नल से जल पहुंचाने में प्रगति हो रही है।
- अपने तरह की विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य-सेवा योजना, 'आयुष्मान भारत' के अंतर्गत, विभिन्न कदम उठाए गए हैं। उन प्रयासों के परिणाम-स्वरूप स्वास्थ्य-सेवा के क्षेत्र में, हम क्रांतिकारी बदलाव देख रहे हैं। इस योजना के तहत अब तक 55 करोड़ से अधिक लोगों को सुरक्षा-कवच प्रदान किया जा चुका है। सरकार ने 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को इस योजना की सुविधा उपलब्ध करा दी है, चाहे उनकी आय कितनी भी हो।
- इस डिजिटल युग में, यह स्वाभाविक है, कि भारत में सबसे अधिक प्रगति, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में हुई है। लगभग सभी गांवों में 4G मोबाइल connectivity उपलब्ध है। शेष कुछ हजार गांवों में भी यह सुविधा शीघ्र ही पहुंचा दी जाएगी।
- इससे डिजिटल भुगतान तकनीकी को बड़े पैमाने पर अपनाना संभव हो पाया है। डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में भारत, कम समय में ही, विश्व का अग्रणी देश बन गया है। इससे Direct Benefit Transfer को भी बढ़ावा मिला है, तथा लक्षित लाभार्थियों तक कल्याणकारी भुगतान बिना किसी रुकावट और leakage के पहुंचना सुनिश्चित हो रहा है। दुनिया में होने वाले कुल डिजिटल लेनदेन में से, आधे से अधिक लेनदेन भारत में होते हैं।
- सरकार ने देश की AI क्षमताओं को मजबूत करने के लिए India-Al मिशन शुरू किया है। इस मिशन के तहत ऐसे मॉडल विकसित किए जाएंगे जो भारत की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करेंगे।
- पिछले सप्ताह, 7 अगस्त को, देश में 'राष्ट्रीय हथकरघा दिवस' मनाया गया। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य, हमारे बुनकरों और उनके उत्पादों का सम्मान करना है। हमारे स्वाधीनता संग्राम के दौरान, 1905 में शुरू किए गए स्वदेशी आंदोलन की स्मृति में, वर्ष 2015 से, यह दिवस हर साल मनाया जाता है।
- स्वदेशी का विचार 'मेक-इन-इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' जैसे राष्ट्रीय प्रयासों को प्रेरित करता रहा है। हम सबको यह संकल्प लेना है कि हम अपने देश में बने उत्पादों को खरीदेंगे और उनका उपयोग करेंगे।
- सामाजिक क्षेत्र में किए गए प्रयासों से संवर्धित, समग्र आर्थिक विकास के बल पर भारत, 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था बनने के मार्ग पर अग्रसर है। मैं समझती हूं कि अमृत काल के इस दौर में, आगे बढ़ते जाने की राष्ट्रीय यात्रा में, सभी देशवासी यथाशक्ति अपना सर्वाधिक योगदान देंगे।