By अनन्या मिश्रा | Jun 03, 2025
कॉन्टैक्ट लेंस यूजर्स रहें सावधान
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो लेंस सीधे तौर पर आपकी आंखों की सतह पर होते हैं। जिसकी वजह से बाहरी कणों और धूल के सीधे संपर्क में आने से लेंस के नीचे उनके फंसने का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण न सिर्फ व्यक्ति को असहजता हो सकती है, बल्कि गंभीर संक्रमण का भी जोखिम बढ़ जाता है।
तेज हवा और धूल के संपर्क में आने के कारण आंखों का सूखापन बढ़ सकता है। वहीं जो लोग रोजाना कॉन्टैक्ट लेंस पहनते हैं, या जिनको पहले से ड्राई आई की समस्या रहती है। उन लोगों की आंखों में कुछ गिरा हुआ महसूस होना, जलन आंखों में पानी आना और लालिमा जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
धूल भरी आंधी के साथ महीन और मोटे धूल कण, पराग और निर्माण की धूल आती है। जोकि आंखों में एलर्जी को ट्रिगर कर सकती हैं। इसके कारण आंखों का लाल होना, खुजली होना और चिपचिपा बलगम आ सकता है।
आंखों के संक्रमण जैसे कंजंक्टिवाइटिस का एक मुख्य कारण धूल हो सकती है। इसकी वजह से आंखें लाल हो जाती हैं औऱ डिस्चार्ज होने लगता है। धूल-मिट्टी के कारण आंखों में जलन होना और पलकों में सूजन आ सकती है। आंखों का संक्रमण अक्सर बैक्टीरिया के कारण होता है।
कॉर्निया का संक्रमण या केराटाइटिस की समस्या हो सकती है। जिसके कारण अंधेपन होने की भी संभावना होती है। खासकर यह समस्या उन कॉन्टैक्ट लेंस यूजर्स में दिखाई देता है, जो धूल भरी आंधीं में फंस जाते हैं।
जो लोग कॉन्टैक्ट लेंस लगाते हैं, उनको धूल भरी आंधी में उड़ते हुए मलबे के कारण आंखों में चोट लग सकती है। जिसकी वजह से कॉर्निया के हल्के खरोंच से लेकर आंख में छेद तक हो सकता है। इसके कारण आंखों में लालिमा और गंभीर दर्द और दृष्टि हानि हो सकती है।