कोविड-19 संकट ने प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाने के महत्व पर दिया जोर: प्रकाश जावड़ेकर

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 01, 2020

संयुक्त राष्ट्र। पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कोविड-19 महामारी ने यह तथ्य उजागर किया है कि प्राकृतिक संसाधनों के अनियमित दोहन के साथ ही अनियंत्रित खान-पान एवं उपभोग उस तंत्र का विनाश कर रहे हैं जिसपर मानव जीवन टिका है। जावडे़कर ने संयुक्त राष्ट्र जैव विविधता शिखर सम्मेलन को बुधवार को संबोधित करते हुए कहा कि भारत संरक्षण, सतत जीवन शैली और हरित विकास मॉडल के माध्यम से जलवायु कार्रवाई का हमेशा पक्षधर रहा है। 

इसे भी पढ़ें: पराली के विषय पर 1 अक्टूबर को मंत्रियों के साथ होगी बैठक: प्रकाश जावड़ेकर 

उन्होंने कहा, ‘‘अनादि काल से, भारत में प्रकृति के संरक्षण की ही नहीं, बल्कि प्रकृति के साथ सामंजस्य से रहने की संस्कृति है। कोविड -19 महामारी ने इस तथ्य को रेखांकित किया है कि प्राकृतिक संसाधनों के लगातार दोहन के साथ ही अनियंत्रित खान-पान एवं उपभोग उस तंत्र का विनाश कर रहे हैं जिसपर मानव जीवन टिका है।’’ 

इसे भी पढ़ें: दिशाहीन हो गई है विपक्ष की राजनीति, संसद का बहिष्कार करती है और बाहर प्रदर्शन: जावड़ेकर 

जावड़ेकर ने कहा, ‘‘ संयुक्त राष्ट्र की 75वीं वर्षगांठ और ‘यूएन डेकेड ऑफ एक्शन एंड डिलेवरी फॉर सस्टेनेबल डेवल्पमेंट’ की शुरुआत के मौके पर आएं, प्रकृति को पहुंचाए गए नुकसान की भरपाई करने के मार्ग पर चलें और ‘‘प्रकृति के साथ सामंजस्य बैठाते हुए रहने के लिए कदम उठाएं।’’ जैव विविधता पर आयोजित पहले शिखर सम्मेलन को करीब 150 देशों और 72 राष्ट्राध्यक्षों तथा शासनाध्यक्षों ने संबोधित किया।

प्रमुख खबरें

SRH vs LSG: लखनऊ के खिलाफ सनराइजर्स हैदराबाद ने 58 गेंदों में चेज किया 166 रनों का टारगेट, ट्रेविस हेड और अभिषेक शर्मा की बेहतरीन पारी

Aurangabad और Osmanabad का नाम बदलने पर अदालत के फैसले का मुख्यमंत्री Shinde ने किया स्वागत

तीन साल में पहली बार घरेलू प्रतियोगिता में भाग लेंगे Neeraj Chopra, Bhubaneswar में होगा आयोजन

Israel ने Gaza में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए एक अहम क्रॉसिंग को फिर से खोला