कोरोना प्रकोप कम होने की उम्मीद, कच्चे तेल नरमी से वैश्विक शेयर बाजार सुधरे

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 06, 2020

हांगकांग। कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह पीड़ित देशों में मृत्यु दर घटने की रपटों से इसका प्रकोप कम होने की उम्मीद और कच्चे तेल में नरमी के बीच दुनिया भर के शेयर बाजारों में सोमवार को तेजी देखी गई। हालांकि, ये बीमारी अभी भी अपने घातक रूप में मौजूद है और दुनिया भर में इससे साढ़े बारह लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं और 70,000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

इसे भी पढ़ें: कोरोना वायरस: 2020 में बढ़ेगा बैंकों का एनपीए, ऋण लागत

नेशनल ऑस्ट्रेलिया बैंक के तापस स्ट्रिकलैंड ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि वायरस यूरोप में चरम पर पहुंच रहा है क्योंकि इटली में लगातार दूसरे दिन आईसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या में कमी आई है। आस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और अन्य देशों में प्रकोप के कुछ कम होने के संकेत है। अमेरिका में संक्रमित लोगों का आंकड़ा 3.35 लाख से ऊपर जा रहा है लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि उनके देश में अब संक्रमण की रफ्तार में ठहराव के संकेत दिख रहे हैं। इस बीच तेल उत्पादक एवं निर्यातक देशों के संगठन ओपेक औररुस के नेतृव में दूसरे बड़ उत्पादाकों की बैठक टल जाने से तेल उत्पादन में कटौती के किसी नए समझौते की संभावना धूमिल हुई है।

इसे भी पढ़ें: कोरोना वायरस मामलों में मृत्यु दावों से इनकार नहीं कर सकती हैं बीमा कंपनियां

इससे तेल के भाव फिर लुढ़क गए हैं। इस खबरों से उत्साहित एशियाई बाजारों में सोमवार को तेजी देखने को मिली। टोक्यो, सिडनी और मनीला में लगभग चार प्रतिशत की तेजी आई। हांगकांक और जकार्ता दो प्रतिशते से अधिक चढ़े, जबकि ताइपे 1.6 प्रतिशत बढ़ा। शुरुआती कारोबार में लंदन दो प्रतिशत से अधिक, फ्रैंकफर्ट चार प्रतिशत से अधिक और पेरिस तीन प्रतिशत से अधिक चढ़ा। हालांकि, कारोबारी अमेरिका में इस महामारी के बढ़ने की आशंका के चलते सतर्क हैं।

प्रमुख खबरें

Dhurandhar Movie Review | यह नया भारत है, पलटवार करेगा: धुरंधर का दमदार एक्शन, देशभक्ति और जासूसी का अनोखा मिश्रण

Jharkhand में पुलिसकर्मी के किशोर बेटे को बचाया गया, अपहरणकर्ता गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल में बनने जा रही है बाबरी मस्जिद! ममता बनर्जी के राज्य में होने वाला है बड़ा कांड, भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात

Assam Government ने एससी, एसटी और अन्य समुदायों को दो बच्चे के नियम से छूट दी