अदालत का दिल्ली सरकार से सवाल : क्या कोविड की एक और लहर में सेवाएं प्रदान कर सकेंगे

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 26, 2021

नयी दिल्ली| दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार से एक स्थिति रिपोर्ट देने को कहा कि कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए उसकी मौजूदा प्रणाली और बुनियादी ढांचा किस प्रकार काम कर रहा है।

इसके साथ ही अदालत ने कहा कि उसकी चिंता सिर्फ यह है कि अगर कोविड की एक और लहर आ जाए तो क्या अधिकारी अल्प सूचना पर सेवाएं प्रदान करने की स्थिति में होंगे।

इसे भी पढ़ें: दिल्लीवासियों को इस गंभीर और बेहद खराब वायु गुणवत्ता को क्यों झेलना चाहिए? उच्चतम न्यायालय ने हालात बिगड़ने से पहले कदम उठाने को कहा

 

न्यायमूर्ति विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह टिप्पणी की।

पीठ राष्ट्रीय राजधानी में महामारी से संबंधित विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने दिल्ली सरकार से दिल्ली फाइट्स कोरोना वेबसाइट को समय-समय पर अपडेट करने, कुछ वेब पेजों को हिंदी में अनुवाद करने और अन्य चिंताओं पर प्रतिक्रिया देने को कहा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रणाली ठीक से काम कर रही है।

पीठ में न्यायमूर्ति जसमीत सिंह भी हैं पीठ ने कहा कि उसका मकसद केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों को कोविड बीमारी की तीसरी लहर की आशंका के लिए तैयार रहने की जरूरत के प्रति संवेदनशील बनाना है।

अदालत ने दिल्ली सरकार को भावरीन कंधारी की एक याचिका पर नोटिस जारी किया जिसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मानदंडों के अनुरूप अस्पतालों में एक लाख से अधिक बिस्तरों की स्थापना तथा चिकित्सा तैयारियों पर विभिन्न दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन का अनुरोध किया गया है। मामले में अगली सुनवाई एक फरवरी को होगी।

दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव कवल जीत अरोड़ा ने अदालत को बताया कि 21,705 लोगों ने परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु पर अनुग्रह राशि और मासिक सहायता की योजनाओं का लाभ उठाया है।

इसे भी पढ़ें: अदालत ने केजरीवाल के वीडियो से संबंधित मामले में भाजपा नेता संबित पात्रा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया

 

प्रमुख खबरें

550 अरब रुपये का बकाया, पाई पाई वसूलने की शुरू हुई कार्रवाई, जिनपिंग ने शहबाज को दिया अल्टीमेटम

मुसलमानों के लिए बरकरार रखेंगे 4% आरक्षण, Andhra Pradesh में BJP की सहयोगी TDP का बड़ा ऐलान

Jammu Kashmir: आतंकवादी संगठन से जुड़ने जा रहा था युवक, पुलिस ने मौके पर ही धड़ दोबाचा

पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक एजेंडा, अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता को लेकर अमेरिकी आयोग की रिपोर्ट को भारत ने किया खारिज