By विजयेन्दर शर्मा | Sep 04, 2021
शिमला। सरकार जानती थी कि इन उपचुनावों में सूपड़ा साफ होने वाला है।सभी तरह के सर्वे रिपोर्ट भी भाजपा सरकार के खिलाफ हैं।महंगाई से जनता त्रस्त है जिसके चलते जनता में भारी रोष है।प्रदेश में होने वाले उपचुनाव टलने पर यह प्रतिक्रिया प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता दीपक शर्मा ने दी।
उन्होंने कहा कि चुनाव टलने से मुख्यमंत्री थोड़ी देर के लिए राहत महसूस कर सकते हैं लेकिन यह दौर ज़्यादा देर तक नहीं चलेगा।उन्होंने कहा अब भाजपा सरकार फिर से चुनावी घोषणाएं बन्द कर देगी और जुमलेवाज़ी का पिटारा फिर उस वक़्त खुलेगा जब चुनाव आएंगे। दीपक शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार लाख तिकड़म कर ले लेकिन जनाक्रोश भाजपा को सबक सिखाने पर आमादा है।जिस तरह जुमलेवाज़ी करके भाजपा ने जनता को ठगा है उसको देखते हुए अब सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।
निर्वाचन आयोग ने यह निर्णय राज्य के मुख्य सचिव की आपदा और फेस्टिवल सीजन की दलील को देखते हुए लिया है। मंडी और कांगडा जिला की फतेहपुर सीट को खाली हुए छह महीने का समय पूरा हो रहा है। ऐसे में चुनाव आयोग छह महीने के भीतर उपचुनाव कराने के लिए बाध्य था। इसी साल फरवरी में दुनिया को अलविदा कहने वाले पूर्व मंत्री सुजान सिंह पठानिया कांगड़ा जिले में फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। उनके निधन से सीट खाली हुई थी।
अब आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि वह केवल पश्चिम बंगाल की एक सीट पर उपचुनाव कराएगा और बाकी सीटों के चुनाव निरस्त कर दिए हैं। वहीं नरेंद्र बरागटा के निधन से खाली हुई जुब्बल कोटखाई विधानसभा सीट और वीरभद्र सिंह के निधन से खाली हुई अर्की विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव की संभावना न के बराबर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में एक वर्ष से भी कम समय बचेगा। इस वजह से यह दोनों सीटें भी खाली रहने की संभावना है। भारत निर्वाचन आयोग मंडी लोकसभा क्षेत्र में कुछ रिलेक्सेशन के साथ उपचुनाव करवा सकता है क्योंकि लोकसभा के अगले चुनाव 2024 में होने हैं।