By अनन्या मिश्रा | Dec 03, 2025
आज ही के दिन यानी की 03 दिसंबर को दिग्गज अभिनेता देव आनंद का निधन हो गया था। वह राजनीतिक विचारों को लेकर भी मुखर थे और राजनीति को बदलाव का एक हथियार बनाना चाहते थे। देव आनंद को बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार भी माना जाता है। वह जैसे-जैसे फिल्में करने लगे, उनको दर्शकों का प्यार मिलने लगा। महिला दर्शक देव आनंद की खूबसूरती की दीवानी हो गईं। जब भी देव आनंद पर्दे पर नजर आते थे, तो दर्शक पर्दे से अपनी नजरें नहीं हटा पाते थे। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर अभिनेता देव आनंद के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
पंजाब के गुरदासपुर में 26 सितंबर 1923 को देव आनंद का जन्म हुआ था। इनके पिता एक वकील हुआ करते थे। जब देव आनंद लाहौर के एक गर्वमेंट स्कूल में अपनी एजुकेशन हासिल कर रहे थे, तो उनके घर की माली हालत सही नहीं थी, जिस कारण वह अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए औऱ उनको अपनी पढ़ाई बीच में छोड़ना पड़ा।
देव आनंद को एक्टिंग का शौक बचपन से था। जब उनकी पढ़ाई छूट गई तो वह फिल्मों में काम करने के सपने के साथ मुंबई आ गए। लेकिन जब वह मायानगरी में अपनी किस्मत चमकाने के लिए आए, तो देव आनंद की जेब में सिर्फ 30 रुपए थे। वहीं देव आनंद के पास रात गुजारने का कोई ठिकाना नहीं था और दो वक्त की रोटी के लिए भी सोचना पड़ता था।
मुश्किल दिनों से निपटने के लिए देव आनंद ने मिलिट्री सेंसर ऑफिस में नौकरी करनी शुरूकर दी थी। इसके बाद जब देव आनंद को फिल्मों में काम करने का मौका मिला, तो उन्होंने बॉलीवुड में अपनी सफलता की कहानी लिखने में कोई कमी नहीं छोड़ी।
देव आनंद हिंदी सिनेमा के सदाबहार अभिनेता थे। जिनको अपने जमाने का रोमांटिक आइकन भी कहा जाता था। अभिनेता की डायलॉग डिलीवरी और रोमांटिक किरदारों ने देव आनंद को लाखों दिलों की धड़कन बनाया। देव आनंद अपने जमाने में रोमांस के पर्याय बन गए थे। साल 1940 से लेकर 2011 तक अपने एक्टिंग करियर में देव आनंद ने 'ज्वेल थीफ', 'गाइड', 'हरे रामा हरे कृष्णा' और 'हम दोनों' जैसी फिल्मों से सिनेमा को नई ऊंचाइयां दीं।
इसके बाद देव आनंद ने अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस खोला। इस प्रोडक्शन हाउस का नाम नवकेतन फिल्म्स था। इस बैनर तले अभिनेता ने खूब हिट फिल्में बनाईं। इस प्रोडक्शन हाउस में देव आनंद ने बोल्ड कहानियों और नए टैलेंट को मौका दिया गया। बतौर निर्देशक उन्होंने हमेशा नए विषयों और कहानी कहने के तरीकों के साथ सिनेमा को समृद्ध किया।
वहीं 03 दिसंबर 2011 को देव आनंद ने 88 साल की उम्र में इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था।