प्रस्तावित डिजिटल मुद्रा से लेनदेन में तेजी, नकदी की लागत में कमी आएगी : डेलॉयट

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 10, 2022

नयी दिल्ली| भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा प्रस्तावित केंद्रीय बैंक डिजिटल मुद्रा (सीबीडीसी) लेनदेन की गति में सुधार और नकदी की लागत को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

डेलॉयट ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में यह कहा। रिजर्व बैंक दरअसल ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए वित्त वर्ष 2022-23 में केंद्रीय बैंक के समर्थन वाली डिजिटल मुद्रा पेश करने की योजना बना रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया कि वित्तीय सेवाओं में नवाचार के रूप में डिजिटल मुद्रा भविष्य के मूल्य हस्तांतरण को आकार देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। वही विश्वभर में ज्यादातर केंद्रीय बैंक अब अपनी राष्ट्रीय डिजिटल मुद्राओं को पेश करने के मूल्यांकन के विभिन्न चरणों में हैं।

डेलॉयट इंडिया के भागीदार मनीष शाह ने कहा, ‘‘डिजिटल मुद्रा यानी सीबीडीसी मूल्य हस्तांतरण के तरीके को बदलने की अपनी क्षमता के कारण घरों, व्यवसायों और अर्थव्यवस्थाओं के लिए अधिक लचीली, नई और प्रतिस्पर्धी भुगतान प्रणाली बन सकती है।’’ उन्होंने कहा कि डिजिटल रुपया की शुरुआत के साथ लेनदेन की दक्षता में अच्छी वृद्धि होगी और संबंधित लागत में कमी भी आएगी।

रिपोर्ट में कहा गया कि सीबीडीसी अपने उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित डिजिटल धन तक पहुंच सुनिश्चित करके भुगतान प्रणाली की दक्षता और प्रभावशीलता को बढ़ा सकती है।

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