आपसी मनमुटाव और गुटबाजी के बीच MP कांग्रेस से एक बड़ी खबर आ रही है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने बेटे के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए इस बात के संकेत दे दिए हैं कि अगर मध्य प्रदेश में कांग्रेस जीत हासिल करती है तो कमलनाथ उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर कबूल होंगे। दिग्विजय के बेटे जयवर्धन सिंह ने अपने ट्वीट में लिखा है "जो विकास कमलनाथ ने छिंदवाडा़ में किया है वह विकास शिवराज सिंह चौहान म.प्र. में 15 वर्ष में नहीं कर पाये हैं। हमारा संकल्प है कि म.प्र. में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के बाद को पूरे प्रदेश में छिंदवाडा़ मॉडल लागू किया जायेगा।"
इस से एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि दिग्विजय को कमलनाथ तो मंजूर हैं पर ज्योतिरादित्य सिंधिया नहीं। अगर कांग्रेस की बात करे तो उसके लिए राहत की बात यह है कि दो गुट (कमलनाथ और दिग्विजय गुट) में सुलह होने की स्थिति है। इस बीच एक निजी चैनल से बात करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि MP कांग्रेस एकजुट है और राहुल गांधी के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जैएगा। सिंधिया ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री पद पर फैसला राहुल गांधी ही लेंगे। हालंकि सिंधिया ने दबे आवाज में ही माना कि MP कांग्रेस में गुटबाजी रही है।
एक बात और है कि भले ही MP कांग्रेस के नेता खुद को एकजुट दिखाने की कोशिश कर रहे हैं पर जमीनी स्तर पर देखें तो कार्यकर्ताओं में अपने-अपने नेताओं को CM पद का प्रत्याशी बताने की होड़ लगी हुई है। एक गुट कमलनाथ को CM बना रहा है तो दूसरा गुट ज्योतिरादित्य सिंधिया को। इसके अलावा ऐसे कई और गुट है जो अलग से अपना मोर्चा संभाले हुए है, जैसे कि दिग्विजय गुट, अजय सिंह गुट, जीतू पटवारी गुट आदि।
दिग्विजय ने भले ही कमलनाथ के समर्थन में यह रीट्वीट किया है पर यह जरूरी नहीं कि उनहोंने खुद के CM बनने की तमन्ना को मिटा डाला है। अभी भी अपने अनुभव के तरकश के तीर को आजमाने में लगे हुए हैं। ऐसे में चुनौतियां राहुल गांधी के लिए बरकरार है कि सबको कैसे साथ लेकर चला जाए।