पंजाब के गांवों में गूंजता था Amar Singh Chamkila का नाम, दिनदहाड़े हुई थी हत्या, अब Diljit Dosanjh दिखाएंगे उनकी कहानी

By एकता | May 30, 2023

अभिनेता-सिंगर दिलजीत दोसांझ और अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा अभिनीत फिल्म 'चमकिला' का टीजर लॉन्च कर दिया गया है। फिल्म का टीज़र नेटफ्लिक्स के यूट्यूब और सोशल मीडिया अकाउंट पर रिलीज किया गया है। बता दें, पंजाब के सुपरस्टार सिंगर अमर सिंह चमकीला की जिंदगी पर बनी ये फिल्म काफी समय से चर्चा में बनी हुई थी। चमकीला के टीज़र को सोशल मीडिया यूजर्स की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। ऐसे में चलिए हम आपको बतातें हैं कौन थे अमर सिंह चमकीला, जिनकी 1988 में महज 27 साल की उम्र में दिनदहाड़े गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी।


कौन थे अमर सिंह चमकीला?

अमर सिंह चमकिला को अपने समय के सबसे बेहतरीन पंजाबी गायकों में गिना जाता है। उनका जन्म पंजाब के लुधियाना में 21 जुलाई 1960 को हुआ था। चमकीला को बचपन से ही गाने का शौक था और उन्होंने कपड़ा मिल में काम करने के दौरान कई गाने लिखे थे। इसके बाद उन्होंने पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री में डेब्यू किया। चमकीला की डेब्यू एल्बम 'तकु ते तकुआ' हिट साबित हुई और वो रातों-रात स्टार बन गए। चमकीला ने अपने आठ साल लंबे करियर में एक से बढ़कर एक गाने लिखे और गाए, जिनके लिए आज भी उन्हें याद किया जाता है।


 

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अमरजोत कौर से की थी शादी

अमर सिंह चमकीला ने अपनी सह-गायिका अमरजोत कौर से शादी की थी। अमरजोत कौर के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। उनके बारे में जितनी जानकारी मौजूद है उसके मुताबिक अमरजोत पहले से शादीशुदा थी और उन्होंने अपने गायन करियर को आगे बढ़ाने के लिए पति को छोड़ दिया था। फिर उनकी मुलाकात चमकीला से हुई और दोनों ने शादी की।

 

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करियर के पीक पर थे चमकीला जब उनकी हत्या हुई

1988 में चमकिला अपनी लोकप्रियता के चरम पर थे। पंजाब के गावों में उनका नाम और गाने गूंजा करते थे। चमकीला की लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि एक समय ऐसा था जब उन्होंने 365 दिनों में 366 शो किए थे। लेकिन इसी लोकप्रियता ने एक दिन उनकी जान ले ली। चमकिला और अमरजोत दोनों को 8 मार्च 1988 को मेहसमपुर में प्रदर्शन करने जा रहे थे। लगभग 2 बजे के करीब चमकीला, उनकी पत्नी और बैंड के दो सदस्यों को उनकी गाडी से बाहर निकलते ही गोलियों से भून दिया गया। मोटरसाइकल सवारों ने उनपर इतनी गोलियां बरसाई कि चारों में से कोई भी जिन्दा नहीं बच पाया। इस मामले में उस समय कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई और आज तक चमकीला हत्याकांड एक अनसुलझी गुत्थी है।

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