By अनन्या मिश्रा | Oct 21, 2025
रोमांटिक फिल्मों के जरिए सिल्वर स्क्रीन के सहारे दिलों में उतरने का हुनर रखने वाले यश चोपड़ा का 21 अक्तूबर को निधन हो गया था। यश चोपड़ा ने अपनी फिल्मों के जरिए बॉलीवुड में रोमांस को परिभाषित किया। बड़े से बड़ा स्टार उनका नाम सुनकर उनकी फिल्मों में काम करने के लिए तैयार हो जाते थे। दिग्गज निर्देशक यश चोपड़ा की फिल्मों का दर्शकों के बीच अपना एक क्रेज होता था। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर निर्देशक यश चोपड़ा के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
पाकिस्तान के लाहौर में 27 सितंबर 1932 को यश चोपड़ा का जन्म हुआ था। साल 1945 में उनका परिवार पंजाब के लुधियाना में बस गया था। यश चोपड़ा पढ़ाई के दौरान इंजीनियर बनना चाहते थे। इसके लिए वह लंदन भी जाना चाहते थे। लेकिन किस्मत ने यश चोपड़ा को फिल्मों की तरफ मोड़ दिया। उन्होंने मुंबई आकर अपने बड़े भाई बीआर चोपड़ा से फिल्म निर्माण की बारीकियां सीखी थीं।
साल 1959 में यश चोपड़ा ने पहली फिल्म 'धूल का फूल' बनाई थी। यह फिल्म अवैध सम्बन्धों के भावों को आगृत करने वाले नाटक पर आधारित थी। इसके बाद हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को वह निर्देशक मिला, जिसने इंडस्ट्री को एक से बढ़कर एक यादगार और कालजयी फिल्में बनाईं। यश चोपड़ा ने अपने भाइयों के साथ मिलकर 60 के दशक में कई सफल फिल्में बनाईं। फिर साल 1973 में यश चोपड़ा ने फिल्म प्रोडक्शन कंपनी 'यश राज फिल्म्स' की स्थापना की थी। इस प्रोडक्शन के तले यश चोपड़ा ने 'त्रिशूल', 'दीवार', दाग', 'डर', 'दिल तो पागल है', 'वीर जारा', 'जब तक है जान' जैसी कई शानदार फिल्में बनाईं।
दिग्गज निर्देशक यश चोपड़ा के नाम कई पुरस्कार हैं। उनके नाम 8 फिल्म फेयर पुरस्कार और 6 राष्ट्रीय पुरस्कार हैं। इसके साथ ही यश चोपड़ा को दादासाहेब फाल्के और पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है। यश चोपड़ा को स्विटजरलैंड से काफी लगाव था, उन्होंने अपनी कई फिल्मों में स्विटजरलैंड की खूबसूरती दिखाई है। जिस कारण वहां के टूरिज्म को बढ़ावा मिला था। इस कारण स्विटजरलैंड सरकार ने वहां पर यश चोपड़ा की कांस्य की 250 किलो वजनी मूर्ति लगवाई है और उनके नाम एक स्पेशल ट्रेन भी चलाई गई।
रोमांस के जादूगर कहे जाने वाले निर्देशक यश चोपड़ा ने 21 अक्तूबर 2012 को इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया था।