By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | May 23, 2020
चेन्नई। द्रमुक नेता एवं राज्यसभा सदस्य आर एस भारती को कुछ माह पहले अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, बाद में एक अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी। पुलिस ने यह जानकारी दी। द्रमुक संगठन सचिव भारती (73) को सुबह उनके आवास से गिरफ्तार किया गया। बाद में शहर की एक अदालत ने उन्हें एक जून तक अंतरिम जमानत दे दी। इससे पहले, अदालत को बताया गया कि मद्रास उच्च न्यायालय ने आत्मसमर्पण करने संबंधी उनकी अर्जी विचारार्थ स्वीकार कर ली है और उस पर बुधवार को सुनवाई होनी है। इस बीच, एक अन्य द्रमुक नेता एवं लोकसभा सदस्य दयानिधि मारन ने मद्रास उच्च न्यायालय में अग्रिम जमानत याचिका दायर की।
दरअसल, एससी समुदाय के लोगों के खिलाफ कथित तौर पर अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर उनके खिलाफ पुलिस के पास शिकायतें दर्ज कराई गई थी। पूर्व केंद्रीय मंत्री मारन ने हाल ही में तमिलनाडु के मुख्य सचिव से मिलने के बाद संवाददाता सम्मेलन मेंसमुदाय के खिलाफ कथित रूप से अनुचित टिप्पणी की थी। इससे पहले, भारती ने आरोप लगाया कि उन्हें अन्नाद्रमुक नीत सरकार में भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने की कोशिश करने के लिए उन्हें (भारती को) निशाना बनाया जा रहा है। भारती को एससी समुदाय के खिलाफ कथित टिप्पणियों के लिए गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ शिकायत के आधार पर एससी/एसटी (अत्याचारों की रोकथाम) अधिनियम के तहत हाल में एक मामला दर्ज किया गया है। भारती ने कहा कि फरवरी में द्रमुक की एक बैठक में उन्होंने जो बयान दिया था, उसे ‘तोड़-मरोड़’ कर पेश किया गया।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी समाचार पत्र में कोई खबर नहीं छपी, लेकिन ‘‘सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ मुहिम छेड़ दी’’। पार्टी के वरिष्ठ नेता भारती ने यहां संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने उस समय मीडिया में इस मामले पर ‘‘प्रतिक्रिया’’ दी थी और यह बात हुए 100 से अधिक दिन बीत चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वे मुझे आज गिरफ्तार करने आए।’’ उन्होंने दावा किया कि सरकार में भ्रष्टाचार के कुछ मामलों का खुलासा करने के कारण उन्हें निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन उनकी पार्टी डरेगी नहीं। इस बीच, द्रमुक के- पी विल्सन और एन आर एलांगो (दोनों राज्य सभा सदस्य हैं) समेत कई वकीलों ने प्रधान सत्र न्यायाधीश सेल्वाकुमार के समक्ष कहा कि भारती की गिरफ्तारी पूरी तरह ‘‘अनुचित’’ है और यह लॉकडाउन के समय की गई। सत्र न्यायाधीश सेल्वाकुमार ने भारती को एक जून तक की अंतरिम जमानत दे दी।