By Growthify Marketing | Sep 30, 2025
घूमना फिरना सभी को अच्छा लगता है। ट्रिप की तैयारी करते समय हम होटल बुकिंग, खानपान, मोबाइल, एक्स्ट्रा पैसे, इन सब चीज़ों पर ध्यान देते हैं। लेकिन एक बात अक्सर छूट जाती है, ट्रैवल इंश्योरेंस। सफ़र के दौरान हादसे होना, अचानक बीमार पड़ना, सामान खो जाना, ये सब बहुत आम बातें हैं। फिर भी ज़्यादातर लोग सोचते हैं- “हमारे साथ कुछ नहीं होगा, हम बहुत सावधान रहते हैं।”
- “पहले से ही हेल्थ इंश्योरेंस है, तो ट्रैवल इंश्योरेंस की ज़रूरत ही क्या है?”
- “ये तो बस छोटी सी ट्रिप है, हफ़्ते भर में लौट आएंगे। ट्रैवल इंश्योरेंस तो बड़ी यात्राओं के लिए होता है।”
लेकिन क्या ये सब सच है? इन्हीं बातों को हम अब समझने की कोशिश करेंगे।
इंटरनेशनल ट्रैवल इंश्योरेंस आपको विदेश यात्रा के दौरान आने वाली फाइनेंशियल परेशानियों से बचाता है। चाहे आप छुट्टियों के लिए विदेश जा रहे हों, पढ़ाई, नौकरी या ऑफिस की ट्रिप, ऐसी हर स्थिति में ये ट्रैवल इंश्योरेंस लिया जा सकता है।
इसका कवरेज आपके पूरे सफ़र के लिए लागू होता है। आप सिर्फ़ एक देश जा रहे हो या कई देशों की यात्रा कर रहे हो, दोनों ही परिस्थितियों में ये उतना ही फ़ायदेमंद होता है।
- बीमारी या हादसे की वजह से हॉस्पिटलाइजेशन
- पासपोर्ट खो जाना या चोरी होना
- ट्रिप रद्द होना या दोबारा शेड्यूल होना
- ट्रिप को आगे बढ़ाना
- सामान गुम होना या देर से पहुँचना
- फ्लाइट लेट या रद्द होना
- खोए हुए पासपोर्ट की तुरंत मदद
- कैश वायर असिस्टेंस
- रद्द हुई फ्लाइट का टिकट फिर से बुक करना
भारत से विदेश जाने वाले यात्रियों के लिए कुछ देशों ने ट्रैवल इंश्योरेंस लेना अनिवार्य किया है। नीचे ऐसे देशों की लिस्ट दी गई है:
1. अंटार्कटिका
2. अल्जीरिया
3. इक्वाडोर
4. ईरान
5. क़तर
6. क्यूबा
7. जॉर्जिया
8. जॉर्डन
9. तुर्की
10. न्यूज़ीलैंड
11. मोल्डोवा
12. यूक्रेन
13. संयुक्त अरब अमीरात (UAE)
14. रवांडा
15. रूस
16. सऊदी अरब
17. शेंगेन देश (यूरोप के 29 देशों का समूह)
कई देशों ने वीज़ा के लिए ट्रैवल इंश्योरेंस को ज़रूरी डॉक्यूमेंट बताया है। बिना इंश्योरेंस का सबूत दिए वीज़ा मुश्किल है। कई लोगों को लगता है कि ट्रैवल इंश्योरेंस मतलब बेकार का खर्च, या फिर ये सिर्फ़ अमीर लोगों और महँगा सामान ले जाने वालों के लिए है। लेकिन असलियत ये है कि ट्रैवल इंश्योरेंस हर यात्री के लिए ज़रूरी है क्योंकि-
1. यात्री के लिए आर्थिक सुरक्षा
सफर में किसी के साथ अचानक हादसा, बीमारी या कोई और परेशानी हो सकती है। विदेश के हॉस्पिटल में इलाज या ज़रूरी सेवाएँ बहुत महँगी होती हैं। लेकिन अगर आपके पास इंश्योरेंस हो, तो ज़रूरी मेडिकल ट्रीटमेंट और बाकी खर्च आसानी से किए जा सकते हैं। इससे बड़ा फाइनेंशियल बोझ नहीं पड़ता। इसके साथ ही, इसमें सामान खो जाने, ट्रिप कैन्सल होने, फ्लाइट लेट होने जैसी परिस्थितियाँ भी शामिल होती हैं।
2. मेज़बान देश पर आर्थिक बोझ कम करना
अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे देश में बीमार पड़ता है, तो ज़्यादातर वह उस देश के सरकारी हॉस्पिटल में इलाज कराता है। ऐसे में खर्च वहाँ की सरकार को भरना पड़ता है। एक तरह से ये खर्च टैक्स भरने वालों का पैसा होता है। इससे देश का नुकसान होता है। इस बोझ को रोकने के लिए कई देशों ने ट्रैवल इंश्योरेंस अनिवार्य किया है।
3. पब्लिक हेल्थ और सैफ्टी
कोविड के समय हमने देखा कि बीमारियाँ कितनी जल्दी फैल सकती हैं। ऐसे में अगर टुरिस्ट को तुरंत मेडिकल केयर न मिले, तो इसका असर दूसरों पर भी पड़ सकता है। इंश्योरेंस से टुरिस्ट को समय पर इलाज मिलता है और बाकी लोग भी सुरक्षित रहते हैं।
4. ट्रिप का मज़ा खराब न हो
सफर में अचानक बीमार पड़ना, फ्लाइट लेट होना, सामान चोरी होना, ऐसी परेशानियाँ पूरी ट्रिप बिगाड़ देती हैं। लेकिन अगर आपके पास सही ट्रैवल इंश्योरेंस है, तो आपको तुरंत मदद मिलती है और आप बिना चिंता अपनी ट्रिप का मज़ा ले सकते हैं।
अगर आप ट्रैवल इंश्योरेंस से ज़्यादा से ज़्यादा फ़ायदा लेना चाहते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें-
1. डेस्टिनेशन- आप किस देश जा रहे हैं उस हिसाब से इंश्योरेंस का कवरेज तय होता है। कुछ देशों के लिए खास पैकेज बने होते हैं जैसे शेंगेन ट्रैवल इंश्योरेंस, ज्यादा फायदेमंद होते हैं।
2. उम्र और स्वास्थ्य- कम उम्र और अच्छे स्वास्थ्य वाले लोगों को कम प्रीमियम में ज़्यादा कवरेज मिल जाता है। अगर मेडिकल हिस्ट्री है, तो प्रीमियम थोड़ा ज़्यादा हो सकता है।
3. ट्रिप ड्युरेशन- ट्रिप जितनी लंबी होगी, प्रीमियम उतना ही ज़्यादा देना होगा।
4. ट्रिप की गिनती- अगर आप साल में सिर्फ़ एक-दो बार सफर करते हैं, तो सिंगल ट्रिप पॉलिसी काफ़ी है। लेकिन अगर आप बार-बार सफ़र करते हैं, तो मल्टी-एनुअल ट्रिप पॉलिसी ज़्यादा फायदेमंद होती है।
5. एडवेंचर एक्टिविटीज़- ट्रेकिंग, स्कूबा डाइविंग, स्कीइंग जैसी एक्टिविटीज़ में रिस्क ज़्यादा होता है। इसलिए ऐसी पॉलिसी चुनें जिसमें एडवेंचर स्पोर्ट्स कवर शामिल हो, ताकि आपको एक्स्ट्रा कवर मिले।
यात्रा के समय ट्रैवल इंश्योरेंस आपके और आपके परिवार के लिए सेफ़्टी नेट की तरह काम करता है। इंश्योरेंस लेने का मतलब है कि आप खुद को सुरक्षित कर रहे हैं।
1. आर्थिक सुरक्षा- ट्रैवल इंश्योरेंस बड़े और अचानक आने वाले खर्चों से बचाने वाला एक अहम सहारा है। बीमारी या दुर्घटना की वजह से होने वाला हॉस्पिटल खर्च, ट्रिप का रद्द होना, सामान खो जाना, इन सब स्थितियों में यह आपकी मदद करता है।
2. मानसिक शांति- इंश्योरेंस होने पर आप निश्चिंत होकर सफ़र कर सकते हैं।
3. अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल/फॉरेक्स कार्ड का इस्तेमाल करें।
4. ज़रूरी डॉक्युमेंट्स सुरक्षित रखें।
5. पब्लिक Wi-Fi पर बैंकिंग करने से बचें।
6. ईमर्जन्सी कान्टैक्ट लिस्ट तैयार रखें।
निष्कर्ष
शारीरिक सुरक्षा की तरह आर्थिक सुरक्षा ज़रूरी है। फ़ॉरेन ट्रैवल में हमें कई अनजान जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, जो खतरे पहले से पता हैं, उनके लिए तैयार रहना बड़ा नुकसान टालने में मदद करता है। ट्रैवल इंश्योरेंस के लिए दिया गया छोटा प्रीमियम कई हजारों या लाखों रुपये के खर्च से बचा सकता है। इसलिए यात्रा जरूर करें, लेकिन सुरक्षा के साथ!